घोटालेबाज मुकेश मोदी की आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी पर जड़ा ताला

Last Updated 30 Nov 2019 12:01:17 AM IST

मोदी सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए शुक्रवार को प्रभावशाली कारोबारी मुकेश मोदी की अगुवाई वाली करोड़ों रुपये की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) के देशभर में फैले कारोबार पर ताला लगाने का आदेश दिया।


कारोबारी मुकेश मोदी

मुकेश मोदी की अगुवाई वाली करोड़ों रुपये की आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) के देशभर में फैले कारोबार पर करीब 9,474 करोड़ रुपये के घोटाला मामले में संलिप्त 20 लाख से ज्यादा लोगों द्वारा जमा किए गए धन की हेराफेरी करने का आरोप है।

आईएएनएस को मिले सरकार द्वारा दिए गए आदेश के दस्तावेज बताता है कि गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) और आयकर विभाग की गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटीज ने एसीसीएसएल को बंद करने का निर्देश दिया था।

एसीसीएसएल केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सहकारिता विभाग के तहत एक अंतर्राज्यीय सोसायटी के रूप में पंजीकृत है। कथित तौर पर कद्दावर राजनेताओं से संबंध रखने वाले मुकेश मोदी को एसएफआईओ ने उनके सहयोगियों की फर्जी कंपनियों में कर्ज के तौर पर हेराफेरी करने का आरोपी बनाया है ताकि रियल स्टेट में निवेश किया जाए।

सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटी विवेक अग्रवाल के आदेश के अनुसार, एसीसीएसएल के संस्थापक मुकेश मोदी का संबंध 120 निजी कंपनियों से था। इन 120 कंपनियों में से 43 कंपनियों को सोसायटी की ओर से 2,334.30 करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया।

ये कंपनियों फर्जी निकली क्योंकि उनके दिए पते पर उनका कोई कारोबारी कार्यकलाप नहीं चल रहा था।

एसएफआईओ और आयकर विभाग ने इससे पहले कृषि मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कहा गया कि मुकेश मोदी (एसीसीएसएल) ने 9,474 करोड़ रुपये की जमा राशि का संग्रह किया था।

कर्ज और अग्रिम के तौर पर बकाया राशि 12,433 करोड़ रुपये थी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 180 कंपनियों व व्यक्तियों को 12,406 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई जिनमें से 122 कंपनियों का पूर्ण नियंत्रण मुकेश मोदी परिवार और उनके रिश्तेदारों के पास था।

रिपोर्ट के अनुसार, एसीसीएसएल के कई जमाकर्ताओं ने अपने बयान में कहा कि उनके द्वारा जमा की गई राशि उनके पासबुक में दर्शाई नहीं गई। जांच के दौरान पाया गया कि खाताबही में हेराफेरी की और जमाराशि को कर्ज के रूप में दर्शाया गया।

सीआरसीएस के आदेश के अनुसार, सोसायटी अपने सदस्यों को कर्ज दे सकता है। हालांकि इस मामले में मुकेश मोदी की टीम ने उन कंपनियों को कर्ज दिया जोकि सोसायटी के सदस्य नहीं हैं।

देशभर में एसीसीएसएल के 800 सदस्य हैं और सोसायटी ने 31 मार्च 2018 तक 9,349.50 करोड़ रुपये की राशि का संग्रह किया। एसएफआईओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा मुकेश मोदी और उनके परिवार के सदस्यों की कंपनियों में निवेश किया गया।

आदेश के अनुसार, मुकेश मोदी इन अनियमितताओं को लेकर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। मुकेश मोदी की सोसायटी व्यक्तिगत लाभ के लिए अपने सदस्यों के पैसे का दुरुपयोग करने में लिप्त पाई गई। रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार सोसायटी ने को-ऑपरेटिव के सिद्धांतों और मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटीज एक्ट 2002 के प्रावधानों को उल्लंघन किया।

एसीसीएसएल पिछले साल तब चर्चा में आई जब एसएफआईओ ने इसके प्रबंधन की जांच शुरू की और बाद में दिसंबर 2018 में सोसायटी के प्रबंध निदेशक मुकेश मोदी की गिरफ्तारी हुई।

जांच के दौरान पाया गया कि मुकेश मोदी के परिवार और उनके सहयोगियों ने 120 लाख जमाकर्ताओं से प्राप्त धन का 99 फीसदी फर्जी कंपनियों के 180 खातों में कर्ज के तौर पर निवेश कर दिया।



आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (एसीसीएसएल) के खातों की जांच किए जाने पर फर्जी कंपनियों की संपत्ति का मूल्य सही राशि के मुकाबले से कई गुना ज्यादा पाया गया।

मुकेश मोदी, उनके परिवार के सदस्यों और देशभर में फैली कंपनी की शाखाओं के अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों में मामले दर्ज किए गए हैं।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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