RTGS और NEFT से धन भेजने पर शुल्क खत्म

Last Updated 07 Jun 2019 06:54:33 AM IST

रिजर्व बैंक ने डिजिटल लेनदेन को मजबूत बनाने के इरादे से बृहस्पतिवार को आरटीजीएस और एन के जरिये धन अंतरण के लिए बैंकों पर लगने वाले शुल्क समाप्त करने की घोषणा की। साथ ही बैंकों को इसका लाभ ग्राहकों को देने को कहा।




रिजर्व बैंक

अभी दो लाख रुपए से अधिक की राशि तत्काल दूसरे के खाते में भेजने के लिए रीयल टाइम ग्रास सेटिलमेंट (आरटीजीएस) का उपयोग किया जाता है। दो लाख रुपये तक की राशि भेजने के लिए नेशनल इलेक्ट्रानिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) पण्राली बनी है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद विकासात्मक और नियामकीय नीतियों पर अपने बयान में आरबीआई ने कहा कि वह आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिए लेनदेन को लेकर बैंकों पर न्यूनतम शुल्क लगाता है तथा बैंक भी इसके बदले अपने ग्राहकों पर शुल्क लगाते हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘बैंकों को भी इसका लाभ अपने ग्राहकों को देना होगा। इस बारे में बैंकों को एक सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश जारी किया जाएगा।’



क्या है व्यवस्था
आरबीआई आरटीजीएस और एनईएफटी पण्राली के जरिए लेनदेन को लेकर बैंकों पर न्यूनतम शुल्क लगाता है।  इसके बदले में बैंक भी अपने ग्राहकों पर शुल्क लगाते हैं। एसबीआई एनईएफटी के जरिए धन अंतरण के लिए ग्राहक से एक रुपए से लेकर पांच रुपए तक का शुल्क लेता है। वहीं आरटीजीएस के मामले में यह शुल्क पांच रुपए से 50 रुपए के बीच है। इस पर 18 फीसद की दर से जीएसटी लागू होता है। अन्य बैंक भी इसी तरह से शुल्क वसूलते हैं।

भाषा
मुंबई


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