किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लिए केंद्र का बड़ा फैसला, कृषि निर्यात डबल करने का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को कृषि क्षेत्र का निर्यात 2022 तक दोगुना कर 60 अरब डॉलर पर पहुंचाने के लक्ष्य को सामने रखते हुए कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दे दी।
किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लिए केंद्र का बड़ा फैसला |
कैबिनेट ने कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दी है जो पीएम नरेंद्र मोदी के उस संकल्प का हिस्सा है जिसमें 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। 2022 तक कृषि उत्पाद का निर्यात 60 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा गया है। फिलहाल 37 अरब डॉलर है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए कहा, कृषि निर्यात नीति का मकसद क्षेत्र से चाय, काफी, चावल तथा अन्य जिंसों के निर्यात को बढ़ावा देना है। इससे वैश्विक कृषि व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढाने में मदद मिलेगी। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रभु ने कहा, कृषि निर्यात नीति का लक्ष्य वर्ष 2022 तक देश का कृषि निर्यात दोगुना कर 60 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। इस नीति में कृषि निर्यात से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर किया गया है। इसमें ढांचागत सुविधाओं का आधुनिकीकरण, उत्पादों का मानकीकरण, नियमन को बेहतर बनाना, बिना सोचे फैसले फैसलों पर अंकुश और शोध एवं विकास गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है। वाणिज्य मंत्री ने कहा, नीति में जैविक उत्पादों के निर्यात पर लगे सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाने पर भी जोर दिया गया है। एक अधिकारी के मुताबिक इस नीति के क्रियान्वयन में अनुमानित 1,400 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव होगा।
साइबर प्रणाली के लिए राष्ट्रीय मिशन को मंजूरी
सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में साइबर प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए भी एक राष्ट्रीय मिशन बनाने का फैसला किया है। कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अंतरक्षेत्रीय साइबरभौतिक प्रणाली पर एक राष्ट्रीय मिशन बनाया जाएगा। यह प्रौद्योगिकी, एप्लिकेशन, मानव संसाधन एवं कौशल विकास तथा नवोद्यम एवं स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए एक समग्र मिशन के रूप में काम करेगा। मिशन के तहत 15 प्रौद्योगिकी नवाचार हब, छह एप्लिकेशन नवाचार हब और चार प्रौद्योगिकी ट्रांसलेशन अनुसंधान पार्क बनाये जाएंगे। ये उद्योग, शिक्षण संस्थानों तथा केंद्र एवं राज्य के मंत्रालयों को आपस में जोड़ने का काम करेंगे।
आरईसी में सरकार की पूरी हिस्सेदारी पीएफसी को बेची जाएगी
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक क्षेत्र की आरईसी में सरकार की पूरी 52.63 प्रतिशत हिस्सेदारी को पावर फाइनेंस कारपोरेशन (पीएफसी) को बेचने को मंजूरी दे दी। सरकार को इस विनिवेश से करीब 15,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। जेटली ने कहा, सीसीईए ने प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ आरईसी लि. में कुल चुकता पूंजी में सरकार की 52.63 प्रतिशत हिस्सेदारी पावर फाइनेंस कारपोरेशन (पीएफसी) को बेचने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी।
जलियांवाला बाग स्मारक अधिनियम में बदलाव
केंद्र सरकार ने जलियांवाला राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम 1951 में भी बदलाव करते हुए विपक्षी दल के नेता को इसमें सदस्य बनाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। जेटली ने कहा, अधिनियम में तीन संशोधन किए गए हैं।
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