आम्रपाली पर ग्रेनो प्राधिकरण का भी 2940 करोड़ बकाया

Last Updated 07 Dec 2018 03:07:25 AM IST

आम्रपाली ग्रुप पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का भी लगभग 2940 करोड़ रुपए बकाया है। प्राधिकरण ने आम्रपाली ग्रुप को वर्ष 2010 में दो सेक्टरों में पांच बिल्डर्स आवासीय/ग्रुप हाउसिंग भूखंड आवंटित किए थे।


आम्रपाली पर ग्रेनो प्राधिकरण का भी 2940 करोड़ बकाया

बिल्डर्स ने सभी पांचों भूखंडों की लीज डीड भी करा ली लेकिन एक भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया है। तीन प्रोजेक्ट में तो काफी जमीन खाली पड़ी है। मामला डेबटस रिकवरी ट्रिब्यूनल (डीआरटी) में भी पहुंच चुका है। प्राधिकरण इन संपत्तियों के बारे में उच्चतम न्यायालय को भी शपथ पत्र के साथ अवगत करा चुका है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आम्रपाली स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट प्रा.लि. को 23 अप्रैल 2010 में 255441 वर्ग मीटर का ग्रुप हाउसिंग का भूखंड जीएच-02 सेक्टर चार में आवंटित किया था। बिल्डर ने इस भूखंड की लीज डीड 14 सितम्बर 2010 को कराई थी। इस प्रोजेक्ट पर प्राधिकरण का अभी तक लगभग 595 करोड़ रुपए बकाया है। बिल्डर ने प्रोजेक्ट भी पूरा नहीं किया है। दूसरा प्रोजेक्ट आम्रपाली लेजर वैली प्रालि है। जिसका आवंटन 23 अप्रैल 2010 को जीएच-01 टेकजोन-4 सेक्टर में किया गया था। जिसका एरिया 106196 वर्ग मीटर है। बिल्डर इस प्लॉट की लीज डीड तीन अगस्त 2010 को कराई लेकिन प्राधिकरण का लगभग 246 करोड़ रुपए आज भी बकाया है। तीसरा प्रोजेक्ट भी आम्रपाली लेजर वैली प्रा.लि. के नाम से है। जो जीएच-02 टेक जोन-4 सेक्टर में है। दोनों प्रोजेक्ट सटे हैं। जिसका आवंटन छह मई 2010 को किया गया। जिसका एरिया 386605 है।

इस प्रोजेक्ट का भी बिल्डर ने प्राधिकरण का बकाया करीब 894 करोड़ रुपए नहीं दिए हैं। चौथा प्रोजेक्ट आम्रपाली सेंचुरियन पार्क प्रा.लि. सेक्टर टेकजोन-4 जीएच 05 प्लॉट पर है। जिसका एरिया 228646 वर्ग मीटर है। इस प्रोजेक्ट का भी लगभग 543 करोड़ रुपए बकाया है। पांच प्रोजेक्ट आम्रपाली ड्रीम वैली प्रा.लि. है। जिसका आवंटन जीएच-09 सेक्टर टेकजोन-4 में 30 अगस्त 2010 में एरिया 260307 वर्गमीटर किया गया। जिसकी लीज डीड 25 फरवरी 2011 में कराई गई। इस प्रोजेक्ट का भी बिल्डर ने प्राधिकरण को बकाया लगभग 662 करोड़ जमा नहीं किए। जब प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए तो फ्लैट बायर्स ने सर्वोच्च न्यायालय में रिट याचिकाएं दायर कर दीं।
प्राधिकरण न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल प्रोजेक्ट की स्थिति तथा बकाया धनराशि के बारे में बता चुका है। डीआरटी के निर्देश पर इन पांच प्रोजेक्ट में से तीन प्रोजेक्टसकी अविकसित व खाली भूमि की माप की जा रही है। सुनवाई के दौरान प्राधिकरण ने सभी रिपोर्ट कोर्ट में जमा कीं। उसके बाद डीआरटी के पीठासीन अधिकारी गत 17 नवम्बर 2018 को आम्रपाली के सेंचुरियन, लेजर वैली व ड्रीम वैली प्रोजेक्ट का स्थलीय निरीक्षण भी कर चुके हैं। पीठासीन अधिकारी ने तीनों भूखंडों में स्थल पर पूर्ण रिक्त भाग को चिह्नित कर माप समेत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि बकाया धनराशि वसूलने के लिए भूखंडों का आवंटन निरस्त किया जा सकता है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा


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