अर्थव्यवस्था के 10 महत्वपूर्ण तथ्य : आर्थिक सर्वेक्षण

Last Updated 29 Jan 2018 07:34:28 PM IST

चालू वित्त वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था के दस प्रमुख तथ्यों को उजागर किया गया है.


अर्थव्यवस्था के 10 महत्वपूर्ण तथ्य (फाइल फोटो)

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का प्रभाव, भारत की समतावादी निर्यात संरचना, समाज में बेटे को ज्यादा महत्व देने की प्रवृत्ति और कर संग्रह की कमी आदि प्रमुख हैं. चालू वित्त वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में भारतीय अर्थव्यवस्था के दस प्रमुख तथ्यों को उजागर किया गया है. ये दस तथ्य इस प्रकार है :

1. प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करदातों के पंजीकरण में इजाफा : जीएसटी लागू होने के बाद अप्रत्यक्ष करदाताओं की तादाद में पहले से करीब 50 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसी प्रकार, नवंबर 2016 से आयकर देने वालों की संख्या में 18 लाख नये करदाता जुड़ गए हैं.

2. गैर-कृषि क्षेत्र में औपचारिक रोजगार में अप्रत्याशित बढ़ोतरी : सामाजिक सुरक्षा (ईपीएफओ/ईएसआईसी) के प्रावधानों के मामले में पूरी की गई औपचारिकताओं में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि जीएसटी नेट के तहत 50 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की गई है.

3. परस्पर अंतर्राष्ट्रीय व अंतर्राज्यीय संबंधों पर आधारित प्रदेशों की समृद्धि : विदेशों को ज्यादा निर्यात करने व अन्य राज्यों के साथ अधिक व्यापार करने वाले राज्य अन्य राज्यों से ज्यादा समृद्ध हैं. लेकिन समृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सहसंबंध ज्यादा प्रबल है.

4. अन्य देशों की तुलना में अधिक समतावादी निर्यात संरचना : निर्यात में भारत की शीर्ष स्तर की एक फीसदी कंपनियों की 38 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि अन्य देशों में यह हिस्सेदारी अधिक है. मसलन, ब्राजील में 72 फीसदी, जर्मनी में 68 फीसदी, मेक्सिको में 67 फीसदी और अमेरिका में 55 फीसदी निर्यात हिस्सेदारी महज एक फीसदी शीर्ष कंपनियों की है. यही नहीं, पांच फीसदी, 10 फीसदी या उससे अधिक शीर्ष कंपनियों की बात करें तो उसमें भी भारत में समतावादी संरचना है.

5. कपड़े पर प्रोत्साहन से रेडीमेड गार्मेट निर्यात में इजाफा : वर्ष 2016 में सन्निहित राज्य करों से राहत (आरओएसएल) की घोषणा से रेडीमेड गार्मेट निर्यात में 16 फीसदी का इजाफा हुआ.

6. भारतीय समाज में बेटे को पसंद करने की प्रवृत्ति : यहां माता-पिता बेटे को ज्यादा पसंद करते हैं. परिवार के आकार को सीमित करने के लिए प्रजनन को लेकर बनाए गए कानून से लिंग-अनुपात में भारी गिरावट आई है.

7. कर विवाद के मामलों में इजाफा : कर विभाग के पास कर विवाद की याचिकाओं में इजाफा हो रहा है, जबकि विवाद में सफलता की दर कम है. 56 फीसदी मूल्य के महज 0.2 फीसदी मामले हैं जबकि 66 फीसदी लंबित मामले 10 लाख से कम के हैं जिनकी रकम महज 1.8 फीसदी हैं.

8. विकास को गति प्रदान करने के लिए बचत से ज्यादा निवेश महत्वपूर्ण : पूरे देश का अनुभव बताता है कि निवेश में कमी से विकास में कमी आती है लेकिन जरूरी नहीं कि इससे बचत में कमी होती है.



9. अन्य संघीय व्यवस्था वाले देशों की तुलना में भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी : अन्य संघीय व्यवस्था वाले देशों की तुलना में भारत में सरकार व निकायों का प्रत्यक्ष कर संग्रह कम है.

10. जलवायु परिवर्तन प्रभाव और प्रतिकूल मौसमी दशाओं से कृषि उत्पादकता पर असर : तापमान में ज्यादा बढ़ोतरी और बारिश का अभाव होने पर मौसम के प्रभाव का असर महसूस किया जाता है. गैर-सिंचित भूमि वाले क्षेत्र में मौसमी परिवर्तन का प्रभाव सिंचित भूमि वाले इलाके की तुलना में दोगुना बढ़ जाता है.

आईएएनएस


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment