इस्तेमाल के लायक नहीं होगा चोरी गया मोबाइल, सरकार का योजना पर काम शुरू
सरकार एक ऐसी योजना पर काम कर रही है जिसके तहत ऐसी तकनीक मुहैया कराई जाएगी जिससे चोरी होने वाले या खोने वाले मोबाइल फोन किसी लायक न रहें यानी व ऑन ही न हों.
इस्तेमाल के लायक नहीं होगा चोरी गया मोबाइल |
गौरतलब है कि सरकार ने अगस्त में मोबाइल के आईएमईआई नंबर में छेड़छाड़ को दंडनीय अपराध बना दिया है जिसमें दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है.
सरकार ने मोबाइल चोरी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है. आईएमईआई नंबर किसी भी मोबाइल के लिए 15 अंकों की विशिष्ट डिजिटल संख्या होती है. दूरसंचार विभाग ने इस बारे में एक अधिसूचना 25 अगस्त को जारी की थी. इस कदम से फर्जी आईएमईआई नंबर से जुड़े मुद्दों पर काबू पाने व खोए मोबाइल फोनों का पता लगाने में मदद मिलने की उम्मीद है.
अधिसूचना में कहा गया किसी भी मोबाइल के अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमईआई) नंबर में जानबूझकर छेड़खानी, बदलाव या उसे मिटाना अवैध है. नए नियम को मोबाइल उपकरण पहचान संख्या में छेड़छाड़ निरोधक नियम 2017 नाम दिया गया है. ये नियम इंडियन टेलीग्राफ कानून की धारा सात व धारा 25 के संयोजन से बनाया गया है.
इस बीच दूरसंचार विभाग एक नई पण्राली भी लागू कर रहा है जिसके तहत किसी भी नेटवर्क के खोए गए और चोरी हुए मोबइल की सभी सेवाएं बंद की जा सकेंगी भले ही उसके सिम या आईएमईआई नंबर को बदल दिया जाए.
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