विकास का सिपाही बने उद्यमी: मोदी

Last Updated 22 Aug 2017 09:25:12 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्यमियों से विकास का सिपाही बनने और आयात पर निर्भरता कम करने में मदद का आज आह्वान किया. उन्होंने साथ में यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि भारत कम-नकदी वाली अर्थव्यवस्था बने.




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

दिल्ली में 200 से अधिक मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) तथा स्टार्टअप कंपनियों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए उन्होंने उनसे कृषि निर्यात बढ़ाने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में भी काम करने को कहा.
         
मोदी ने नीति आयोग द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'परिवर्तन के अगुवा'  में कहा,   गांधी जी ने आजादी को एक जन आंदोलन बनाया. हर सरकार ने भारत को आगे बढ़ाने की कोशिश की. लेकिन विकास जन आंदोलन नहीं बन पाया है. 

उन्होंने कहा,  जिस उत्साह से  महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संघर्ष के लिये किया, हमें उसी भावना से भारत के विकास को जन आंदोलन बनाने की जरूरत है. 

युवा उद्यमियों को विकास का सिपाही बनने का आह्वान करते हुए मोदी ने कहा कि साथ काम कर हम देश के समक्ष मौजूदा कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं.  मोदी ने उद्यमियों से दिवाली उपहार के रूप में खादी कूपन वितरित करने को कहा.

भारत को कम नकदी वाला समाज बनने की ओर आगे बढ़ने की जरूरत पर बल देते हुए उन्होंने सीईओ नकद रहित लेन-देन के लिये भीम एप के उपयोग को प्रोत्साहित करने को कहा. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि 2022 तक उनके कर्मचारी नकद रहित लेन देन करने वाले बन सकें.

मोदी ने उद्यमियों से दिवाली उपहार के रूप में खादी कूपन वितरित करने को कहा.

प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यटन और रोजगार सृजन की अपार संभावना का जिक्र करते हुए कहा,   हम भारतीय अपने समृद्ध धरोहर पर गर्व नहीं करते. अगर हम गर्व के साथ इसके बारे में बात करते हैं तो दुनिया दौड़ी-दौड़ी आएगी.  उन्होंने कहा कि वह भारत के लिये पूर्ण समाधान पर गौर कर रहे हैं.



मोदी ने कहा, अगर यह पीढ़ी हमारी विभिन्न समस्याओं  के व्यवहारिक समाधान के बारे में सोचे, बाजार और रोजगार खुद-ब-खुद सृजित होंगे. 

अपनी सरकार की विभिन्न पहल के बारे में जिक्र करते हुए मोदी ने जीईएम (गवर्नमेंट-ई-मार्केट) पोर्टल के बारे में बात की. इसे सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिये हाल ही में पेश किया गया.

उन्होंने कहा कि यहां तक कि छोटे आपूर्तिकर्ता भी अपने उत्पाद इस पोर्टल के जरिये सरकार को बेच सकते हैं. पिछले चार-छह महीनों में इस पोर्टल के जरिये 28,000 छोटे आपूर्तकर्ताओं ने सरकार को 1,000 करोड़ रुपये मूल्य के सामान बेचे हैं.           

युवा सीईओ को अपनी टोली का सदस्य बताते हुए मोदी ने कहा कि भारत का विकास निश्चित रूप से एक जन-आंदोलन बनना चाहिए और उद्यमियों को यह सोचना चाहिए कि वे देश की वृद्धि तथा गरीबों के लिये और क्या कर सकते हैं. उन्होंने उनसे नीति के बारे में अपनी राय देने और बदलाव के अग्रदुत बनने को भी कहा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के लिये अपने नागरिकों का कल्याण तथा उनकी खुशी सर्वोच्च है. उन्होंने निर्यात उन्मुख कृषि उत्पादों पर जोर देने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि खेतों की मेड़ों पर पौधा रोपण जैसे अनूठे विचारों से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी.

मोदी ने अफसोस जताया कि ढांचागत सुविधा की कमी के कारण करीब एक लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पाद (फल से लेकर सब्जी तक) बर्बाद होते हैं. उन्होंने कहा कि ढांचागत सुविधा तैयार करना स्वयं में व्यापार का एक अवसर है.

भाषा


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