मध्य प्रदेश की बंजर भूमि में उगी ककड़ी की मांग विदेशों में!
मध्य प्रदेश के नीमच में 30 किसानों ने लगभग 50 एकड़ बंजर भूमि को सामूहिक प्रयास से उपजाऊ बना दिया है, यहां उगाई गई ककड़ी की विदेशों में मांग बढ़ गई है.
फाइल फोटो |
क्योंकि यह ककड़ी बिना बीज वाली है. जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर दूर राजस्थान की सीमा से लगे सेमार्डा गांव के नजदीक पहाड़ीनुमा बंजर जमीन पर अब पॉली-हाउस नजर आते हैं. इन पॉली हाउस में उगाई जा रही ककड़ी चर्चाओं में है. यहां के किसानों में यह बड़ा बदलाव दुबई यात्रा ने किया.
आधिकारिक तौर पर बुधवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, युवा किसान अनिल नाहटा, शौकीन जैन, संजय बेगानी और सत्यनारायण पाटीदार कुछ समय पहले इंटरनेशनल फूड एक्जीविशन में हिस्सा लेने दुबई गए थे. वहां उन्होंने देखा कि 50 डिग्री तापमान से अधिक गर्म रेत पर सब्जियां और फलों की खेती की जा रही है. उन्होंने इस तकनीक को बारीकी से देखा.
संजय बेगानी कहते हैं, "दुबई से लौटने के बाद उन्होंने नीमच आते ही बंजर जमीन को समतल करने का जतन शुरू किया और छह पॉली-हाउस तैयार किए. इसके बाद इसी भूमि पर 32 पॉली-हाउस और तैयार किए गए. केवल तीन माह में हाइड्रोपनिक पद्धति से बिना बीज की हरी ककड़ियों ने आकार लेना शुरू कर दिया. इन पॉली हाउस से 70 टन ककड़ी का उत्पादन हुआ है."
किसानों ने बताया कि उनके यहां उगाई गई ककड़ी दिल्ली की मंडी और वहां से विदेशों तक जाने लगी है. यह ऐसी ककड़ी है, जिसमें बीज नहीं होते. किसानों को भरोसा है कि उनका आने वाला दिन बदलाव की कहानी कहेगा.
एस़ एऩ नेचर फ्रेश के जनरल मैनेजर डॉ. संतोष सिंह ने बताया कि बीज-रहित ककड़ी का दाम 20 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. यहां के किसान अब पॉली-हाउस में फूलों की खेती करने का भी विचार कर रहे हैं.
पॉली हाउस संचालक शौकीन जैन ने बताया, "मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप खेती को लाभ का धंधा ही नहीं, बल्कि उद्योग का दर्जा दिलवाने की यह कोशिश है. जिला प्रशासन के सहयोग से यहां के किसान सामूहिक संरक्षित खेती करने में सफल रहे हैं. पथरीली जमीन पर की गई खेती को देखने किसान पहुंचने लगे हैं और वे इस तकनीक का अध्ययन कर रहे हैं."
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