चीनी मिलों को ब्याज मुक्त कर्ज देगी सरकार
नकदी संकट से जूझ रही चीनी मिलों को कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए खाद्य मंत्रालय ब्याज मुक्त ऋण देगा.
चीनी |
जल्द ही मंत्रिमंडल से मंजूरी हासिल करने के लिए बात करेगा.
खाद्य सचिव सुधीर कुमार ने कहा, ‘हमारा विभाग चीनी उद्योग के लिए ब्याज मुक्त ऋण योजना के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. हम एक मंत्रिमंडलीय परिपत्र तैयार कर रहे हैं.’
चीनी उद्योग के मौजूदा संकट के बारे में कृषि मंत्री शरद पवार की अगुवाई में पिछले सप्ताह मंत्रियों के अनौपचारिक समूह की बैठक में हुए विचार-विमर्श के बाद यह पहल सामने आई है.
कुमार ने कहा कि खराब वित्तीय हालात के कारण बैंक चीनी मिलों को कर्ज देने को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं. कुमार ने कहा, ‘अगर बैंक सामने आते हैं तो हम चीनी विकास कोष से लिए गए कर्ज पर ब्याज का भुगतान करेंगे. एसडीएफ के पास करीब 1,200 करोड़ रुपए है.’
उन्होंने कहा कि उन्होंने विगत दो चीनी सत्रों में चीनी उद्योग के दिए गए आबकारी शुल्क के एवज में अगर बैंक चीनी उद्योग को दो वर्षों के लिए करीब 3,000 करोड़ रुपए का उधार देता है तो ब्याज करीब 380-400 करोड़ रुपए होगा.
उत्पादन की लागत में वृद्धि और अधिशेष आपूर्ति के कारण घरेलू चीनी कीमतों में भारी गिरावट के कारण चीनी उद्योग को वित्तीय दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
पिछले वर्ष गन्ने का बकाया भी बढ़कर 3,400 करोड़ रुपए हो गया था.
देश में चीनी के दूसरे विशालतम उत्पादक राज्य, उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों ने विपणन वर्ष 2013-14 ‘अक्टूबर से सितम्बर’ के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित 280 रुपए प्रति क्विंटल के अधिक गन्ना मूल्य को लेकर नाखुशी जाहिर करते हुए चीनी मिलों ने परिचालन करने से इंकार कर दिया था.
अगर यूपी में पेराई में देर होती है जो देश में चीनी उत्पादन में गिरावट आने की संभावना के बारे में कुमार ने कहा, ‘अगर गतिरोध कायम रहता है और पेराई में देर होती है, तो निश्चित तौर पर चीनी उत्पादन जरूर कुछ प्रभावित होगा.
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