आडवाणी पर बरसे मनमोहन और राहुल

Last Updated 13 Apr 2009 06:48:02 PM IST


मुंबई/कोच्चि। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने आज भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार लालकृष्ण आडवाणी पर हमला बोलते हुए मजबूत नेता के पार्टी के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि कंधार मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री सच नहीं बोल रहे हैं या उनके नेता अटल बिहारी वाजपेयी का उन पर भरोसा नहीं था। अपनी शैली से हटते हुए सिंह आक्रामक लहजे में लालकृष्ण आडवाणी पर बरसे। इस संबंध में उन्होंने बाबरी मस्जिद और जिन्ना प्रकरण का भी जिक्र किया। जिन्ना प्रकरण की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि इस मामले में आडवाणी भाजपा के अंदर ही आलोचना के घेरे में आ गए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब अपनी पार्टी के अंदर ही स्थिति असहज होने लगी तो वह अपने रूख से मुकर गए। दूसरी ओर राहुल गांधी ने केरल में अपने चुनावी अभियान के दौरान मजबूत नेता के रूप में आडवाणी की विश्वसनीयता पर सवाल किए। राहुल ने कंधार विमान अपहरण मामले में यात्रियों को छुड़ाने के बदले आतंकवादियों को रिहा करने को लेकर उनकी आलोचना की। आतंकवादियों को रिहा करने तथा जसवंत सिंह के विमान में कंधार जाने के बारे में जानकारी नहीं होने के संबंध में आडवाणी की टिप्पणी का जिक्र करते हुए राहुल ने कहा कि अगर वह ऐसे मजबूत नेता हैं तो उस समय के गृहमंत्री को कैसे कुछ बातों की जानकारी नहीं थी। ऐसे में दो संभावनाएं हैं। वह या तो सच नहीं बोल रहे हैं या उनके वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी को उन पर भरोसा नहीं था। राहुल ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री को आप पर भरोसा नहीं था तो आपको इस्तीफा दे देना चाहिए था। क्या आप कंधार घटना में दबाव के आगे झुक गए या वाजपेयी को उन पर भरोसा नहीं था। मैं जानना चाहता हूं कि सच क्या है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आतंकवादी संसद पर हमला सहित कई हमलों को अंजाम देने या उनकी साजिश रचने में शामिल रहे। राहुल ने कहा कि आडवाणी हरेक भारतीय के प्रधानमंत्री सिंह की आलोचना कर रहे हैं ऐसे में वह चाहते हैं कि देश के युवाओं को इस बात की जानकारी हो कि कंधार घटना के समय वह क्या कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आडवाणी आतंकवादियों को रिहा करने पर सहमत थे। इसके साथ ही वह कैबिनेट सहयोगी जसवंत सिंह को आतंकवादियों को साथ ले जाने की जिम्मा सौंपे जाने से भी सहमत थे। सिंह ने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगे के साथ ही गुजरात नरसंहार भी देश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर धब्बा हैं। उन्होंने कहा कि मैं समझता हूं कि दोनों देश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर धब्बा है। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए। सिंह ने कहा कि विपक्षी दल होने के रूप में कांग्रेस ने दंगों के बाद गुजरात सरकार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए राजग सरकार को बाध्य किया था।



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