चिकित्सक की पहली प्राथमिकता होता है मरीज

Last Updated 01 Jul 2011 08:20:07 AM IST

पेशे के प्रति त्याग, समर्पण और ईमानदारी की भावना चिकित्सक को बहुत ऊंचा दर्जा देती है.


इलाज के लिए उसके पास पहुंचा मरीज अपना जीवन एक तरह से उसके हाथों में सौंप चुका होता है. बीमारी की गंभीरता और उसके इलाज से अनजान मरीज के लिए चिकित्सक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है और इसीलिए एक जुलाई का दिन उनके नाम समर्पित किया गया है.

पद्मश्री से सम्मानित, तंत्रिका रोग विशेषज्ञ डॉ पी के सेठी कहते हैं ''व्यावसायिकता और प्रतिस्पर्धा आज हर क्षेत्र में है और चिकित्सा जगत भी इससे अछूता नहीं है. लेकिन यह भी सच है कि मरीज की जान बचाना किसी भी चिकित्सक की पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता होती है. मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि इस प्राथमिकता के प्रति कोई भी चिकित्सक लापरवाही नहीं बरतता."

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ संगीता मुटरेजा कहती हैं ''कोई भी व्यक्ति चिकित्सक के पास तब आता है जब वह स्वास्थ्य संबंधी समस्या से पीडि़त होता है और उसे उसके इलाज की जरूरत होती है. उसके अंदर भरोसा होता है कि चिकित्सक उसकी समस्या दूर कर देगा. अपने पेशे की शुरूआत के समय हम शपथ लेते हैं कि हम अपने दायित्व का पूरी ईमानदारी से निर्वाह करेंगे. इन दोनों बातों में तालमेल बना रहना ही बेहतर होता है."

डॉ सेठी कहते हैं ''कई बार मरीज गंभीर अवस्था में रहता है. चिकित्सक जानता है कि मरीज को बचाना मुश्किल है लेकिन वह अपनी ओर से उसे बचाने की पूरी कोशिश करता है. एक चिकित्सक के लिए मरीज को यह बताना भी बहुत कठिन होता है कि उसके जीवन के दिन गिने-चुने ही हैं."

यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रीतपाल सिंह कहते हैं ''काम का दबाव और पारिवारिक दायित्व चिकित्सक के भी होते हैं लेकिन उसकी पहली प्राथमिकता सिर्फ और सिर्फ मरीज होता है. मुझे नहीं लगता कि कोई भी चिकित्सक इस हद तक लापरवाही बरत सकता है कि मरीज की जान पर ही बन आए. चिकित्सक अपनी ओर से हमेशा मरीज की बेहतरी ही चाहता है."

चिकित्सकों का महत्व रेखांकित करने की जरूरत अमेरिका के जॉर्जिया निवासी डॉ चार्ल्स बी आल्मोंद की पत्नी यूदोरा ब्राउन आल्मोंद ने महसूस की और उनके प्रयासों से पहली बार 30 मार्च 1930 को अमेरिका में डॉक्टर्स डे मनाया गया. इस दिन को मनाने के पीछे चिकित्सकों का दैनिक जीवन में महत्व बताने की भावना प्रमुख थी. इसके लिए 30 मार्च की तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि जॉर्जिया में इसी दिन डॉ क्राफोर्ड डब्ल्यू लोंग ने पहली बार ऑपरेशन के लिए एनेस्थीसिया का इस्तेमाल किया था.

तब से चिकित्सक दिवस मनाने का चलन शुरू हो गया लेकिन अलग-अलग देशों में यह दिन अलग-अलग तारीख को मनाया जाता है. भारत में एक जुलाई का दिन चिकित्सकों के लिए समर्पित रहता है. वर्ष 1991 से हमारे यहां इस दिन को चिकित्सक दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत हुई. एक जुलाई को देश के प्रख्यात चिकित्सक डॉ विधान चंद्र रॉय का जन्मदिन और पुण्यतिथि दोनों ही हैं.
 



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment