महंगाई की दोहरी मार
दुनिया भर में शेयर बाजार के जबरदस्त तरीके से लुढ़कने के सदमे के दरम्यान ही सरकार ने जनता को घरेलू गैस सिलेंडर में पचास रुपये का इजाफा कर करारा झटका दिया।
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उपभोक्ताओं को इस वृद्धि के बाद प्रति सिलेंडर 853 या 879 रुपये देने होंगे जो अब तक क्रमश: दिल्ली में 803 रुपये या कोलकाता में 829 रुपये में मिल रहा था। उज्जवला योजना के तहत मिलने वाला 14.2 किग्रा. का सिलेंडर अब 553 रुपये में उपलब्ध होगा। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के अनुसार, आगे इस मूल्य वृद्धि की समीक्षा की जाएगी। अमेरिका-चीन के बीच छिड़े व्यापार युद्ध के चलते अप्रैल, 2021 के बाद कच्चे तेल की कीमतें सबसे निचले स्तर पर हैं।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दुनिया के विभिन्न देशों पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ के बाद शेयर बाजार धड़ाम से गिरा है। निवेशकों में चीन समेत अन्य कई देशों के अमेरिका पर उल्टा नये टैरिफ की घोषणा से टैरिफ वॉर के गंभीर रूप लेने का डर बैठ गया है। इसका सीधा असर भारत्ीय बाजार पर भी दिखा है, जहां भय और अनिश्चितता के चलते बिकवाली की गहरी मार पड़ी। निवेशकों की घबराहट के बावजूद बाजार के गिरने का सिलसिला मंगलवार को थोड़ा थमता नजर आया।
मगर अंतरराष्ट्रीय बाजार के असर से घरेलू शेयर मार्केट का बचना नामुमकिन है। आर्थिक विशेषज्ञ इस ट्रेड वॉर को आर्थिक मंदी की आहट भी मान रहे हैं। बेरोजगारी और महंगाई की मार केवल भारतीय जनता ही नहीं झेल रही है, आम अमेरिकी भी खासा परेशान है। ट्रंप के निर्णयों के बाद अमेरिका में विरोध-प्रदर्शनों का दौर चालू हो चुका है। हालांकि अपने यहां आपसी असहमतियों से बिखरा विपक्ष इस मौके का लाभ लेने में कतई चूक रहा है।
पेट्रोल-डीजल के खुदरा मूल्य के न बढ़ने की दलीलों के बावजूद आम उपभोक्ता जल्द ही दाम बढ़ने को लेकर पूरी तरह आशंकित है। जैसे पूर्व में गैस सिलेंडर के दाम दस-दस रुपये बढ़ते रहे हैं। बड़ा तबका अपने सीमित बजट में आसानी से समन्वय कर लेता है। मगर पचास रुपये आम निम्न मध्यवर्गीय की जेब पर पड़ने वाली मामूली राशि नहीं कही जानी चाहिए। वह भले ही छोटा निवेशक न हो पर कंपनियों की आय और मुनाफे पर पड़ रहे ट्रेड वॉर के असर से भी आम नागरिक नहीं बचने वाला। क्योंकि इसके कारण बढ़ी महंगाई के चपेटे में समूची दुनिया आ सकती है। सरकार को तत्काल विचार करने की जरूरत है।
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