महिलाओं की सुध लें
सही मायने में राजनीति में अधिक महिलाओं की भागीदारी बढ़ाए बिना समाज में समानता और न्याय मुमकिन नहीं है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर यह लिखा।
महिलाओं की सुध लें |
वास्तविक परिवर्तन लाने को उत्साहित आधी आबादी से शक्ति अभियान में शामिल होने का अग्रह करते हुए गांधी ने महिलाओं के हितों के लिए समान अवसर उपलब्ध करने पर जोर दिया। लोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल ने कहा एक साल पहले महिला राजनीति को केंद्र में रखकर हमने ‘इंदिरा फेलोशिप’ की शुरुआत की थी, जो सशक्त कारवां में बदल चुकी है। आधी आबादी, पूरा हक-हिस्सेदारी को कांग्रेस की सोच व संकल्प का प्रतीक बताते हुए उन्होंने जमीना स्तर पर काम करने से इच्छुक महिलाओं से इस आह्वान किया।
शक्ति अभियान युवा कांग्रेस की पहल है, जो स्थानीय निकायों से लेकर विधानसभाओं व लोक सभा में महिलाओं द्वारा महिलाओं से प्रेरित है। इस फेलोशिप के द्वारा इंदिरा गांधी के सम्मान में राजनीति में महिलाओं की आवाज बुलंद करने की पहल है। लोक सभा चुनाव के परिणाम से उत्साहित राहुल जनमानस में अपनी छवि बेहतर करने और महिला मतदाताओं को कांग्रेस की तरफ आकृष्ट करने के प्रयासों को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहते।
एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि महिलाओं को बिजनेस के मौके मिले, अगर वे खुद का काम शुरू करना चाहती हैं तो उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। महिलाओं को पुरुषों के बराबर देखने जैसी बातें करके वे केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न महिला केंद्रित योजनाओं की काट भी तलाशते नजर आ रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने शासनकाल में जिन स्त्रियों की उपेक्षा की, उसे वह सिरे से सुधारने को उत्सुक लग रहे हैं।
मौजूदा वक्त में देश की आबादी का आधे से अधिक भाग तीस वर्ष की से कम आयु वालों का है, जिनमें युवा महिलाओं की भी बड़ी संख्या शामिल है। जो न सिर्फ उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं बल्कि स्वनिर्णय के मामले में भी दृढ़ हो रही हैं। मतदान करने वाली महिलाओं की बढ़ती संख्या ने सियासी दलों के नजरिये में बदलाव किया है, जिसका परोक्ष-अपरोक्ष लाभ अंतत: महिलाओं के हिस्से आ सकता है। महिलाओं के सशक्त होने का सीधा लाभ मुल्क को ही मिलेगा। इसलिए राहुल की पहल को सकारात्मक नजरिए से देखा जाना चाहिए।
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