सतर्क रहें निवेशक
शेयर बाजार में बृहस्पतिवार को बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स 1,062.22 अंक यानी 1.45 फीसद गिरकर 72,404.17 पर बंद हुआ।
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शेयर बाजार में आई इस भारी गिरावट से निवेशकों के करीब 7 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि डूब गई। बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि लोक सभा चुनाव के परिणामों की अनिश्चितताओं से शेयर बाजार भयभीत है।
जाहिराना तौर पर देश की घरेलू (चुनाव परिणाम संबंधी) परिस्थितियां और विदेशी परिदृश्य दोनों शेयर बाजार की दृष्टि से प्रतिकूल हैं। इस कारण जहां एक ओर चौतरफा बिकवाली और दूसरी ओर विदेशी निवेशकों की पूंजी निकासी भी गिरावट की बड़ी वजह बताई जा रही हैं।
लोक सभा चुनाव का तीसरा चरण हो चुका है और करीब आधी सीटों पर मतदान के बावजूद तस्वीर साफ नहीं हो पाई है कि सरकार किसकी बनेगी। चुनाव के दौरान संपत्ति के पुनर्वितरण का मामला बहस के केंद्र में है।
कांग्रेस के टेक्नोक्रेट नेता सैम पित्रोदा के एक बयान के बाद विरासत कर भी एक बड़ा मुद्दा बन गया है। इन दोनों मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री मोदी अपनी चुनाव सभाओं में कांग्रेस पर तीखा हमला कर रहे हैं।
ज्यादातर अमीर और समृद्धशाली लोग ही शेयर बाजार में निवेश करते हैं। जाहिर है कि यह अमीर तबका भयभीत है कि अगर केंद्र की सत्ता में कांग्रेस आ जाती है तो उनकी संपत्ति गरीबों में बांट देगी। विदेशी मोर्चे पर भी परिस्थितियां सामान्य नहीं हैं।
इस्राइल-फिलिस्तीन और रूस-यूक्रेन युद्ध किस करवट बैठेगा कहना मुश्किल है। गाजा के दक्षिण शहर राफा में इस्राइली सेना और फिलिस्तीनी लड़ाकों के बीच लड़ाई जारी है। इस्रइल ने अपने गॉड फादर अमेरिका की सलाह को अनसुना कर दिया है।
इस्राइल पर हिजबुल्लाह और हुती विद्रोहियों के हमले तेज हो सकते हैं। इधर, रूस ने चेतावनी दी है कि यदि नाटो यूक्रेन में अपने सैनिक भेजता है तो परिणाम बहुत ही भयानक होंगे।
इन परिस्थितियों में शेयर बाजार की अनिश्चितता आगे भी बने रहने की आशंका है। ऐसे में शेयर बाजार के निवेशकों को बहुत ही चतुराई से अपना पूंजी निवेश करना चाहिए। यह बाजार जोखिमों से भरा है और ऐसे में कमजोर दिल वालों को शेयर बाजार से दूर ही रहना चाहिए।
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