Loksabha Election 2024 : चुनाव जीतने वालों पर दांव

Last Updated 04 Mar 2024 01:38:48 PM IST

‘इम्तिहान में केंद्र पर वक्त से पहुंचने वाले छात्रों को इत्मिनान रहता है। उन्हें अकारण तनाव से बचने के लिए समय मिल जाता है।’


चुनाव जीतने वालों पर दांव

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 10वीं-12वीं बोर्ड के परीक्षार्थियों को सहजता साधने का जो गुरु मंत्र दिया था, उसे उनकी पार्टी भाजपा ने लोक सभा के 195 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करने में भी लागू किया है। चुनाव भी कड़ा इम्तिहान है। केंद्र पर पहले पहुंचने वालों के परफाम्रेस बेहतर होने की उम्मीद रहती है। ध्यान दीजिए कि भाजपा ने अपनी पहली सूची तब जारी की है, जब चुनाव की अधिसूचना तक जारी नहीं हुई है। ऐसा कर उसने अपनी तैयारी के मुकम्मल होने की आस्ति दी है।

इस फ्रंट पर वह कांग्रेस समेत बाकी राजनीतिक दलों से काफी आगे है, जहां सीटों के नम्बर तय करने या शेयरिंग पर ही बातचीत अटक रही है। यहां उनसे भाजपा ने पहली बढ़त ले ली है। उसकी पहली सूची में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, केरल आदि राज्यों के प्रत्याशी तय किए गए हैं।

उन्हें चयनित करने का पहला ठोस आधार जातिगत समीकरणों के साथ-साथ सांसद के रूप में उनका प्रदशर्न ही रहा है। इस पर खरे न उतरने वाले, चाहे वे केंद्रीय मंत्री हों या सांसद, उनके टिकट काट दिए गए हैं। वंचितों में मीनाक्षी लेखी, रामेर तेली और जॉन बारला मंत्री हैं जबकि 34 मंत्रियों पर फिर से भरोसा जताया गया है।

वहीं, 33 सांसद सूची से बाहर हैं। सबसे अधिक मध्य प्रदेश में सात निवर्तमान सांसदों को दोबारा मौका नहीं दिया गया है। दूसरी बात, सूची में विभिन्न नये क्षेत्रों के व्यक्तियों-मेयर, समाजसेवी, वकील (बांसुरी स्वराज) आदि-पर भरोसा किया गया है। शिवराज सिंह चौहान को विदिशा से केंद्र में लाने की तैयारी है।

कुछेक सांसदों के क्षेत्र बदल दिए गए हैं। इसके पीछे दृष्टिकोण यही है कि वे भाजपा की 400 पार वाली हैट्रिक दिला सकने की क्षमता रखते हैं। इसकी गारंटी वालों पर ही दांव लगाया गया है। इसी आधार पर आसनसोल से घोषित भोजपुरी सिनेमा के नायक पवन सिंह से उम्मीदवारी वापस कराई गई है।

उनके बंगाली महिलाओं पर गाने आदि को देखते हुए जीतने की संभावना संदिग्ध थी। जब एक-एक बूथ अहम है, तो वहां सीट हारने का रिस्क कैसे लिया जा सकता है। यह उदाहरण इसकी संभावना जगाता है कि सूची में फेरबदल हो सकती है। कुछ नाम इनमें शामिल नहीं हैं, उन्हें कहीं और से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। मीनाक्षी लेखी पंजाब से प्रत्याशी हो सकती हैं।



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