Uttarakhand UCC BIll : एक अच्छी पहल

Last Updated 08 Feb 2024 11:28:56 AM IST

अंतत: उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (UCC Bill) विधेयक पेश हो गया। इस विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी झड़पें हुई।


प्रदेश में बीजेपी की सरकार बहुमत में है, उम्मीद की जानी चाहिए कि यह विधेयक सदन से पारित हो जाएगा। राज्य में यह कानून लागू होने के बाद बहुविवाह और हलाला जैसी प्रथाएं निष्प्रभावी हो जाएंगी। शादी-विवाह, तलाक और लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा।

विपक्ष द्वारा बार-बार सवाल उठाया जाता रहा है कि किसी भी राज्य को इस तरह के कानून लागू करने का वैधानिक अधिकार नहीं है। लेकिन कई राज्यों में इस तरह के कानून पारित हुए हैं। 1975 में केरल में हिन्दू कानून में संशोधन किया गया था जिससे महिलाओं को पारिवारिक संपत्ति में समान अधिकार प्राप्त हुए थे। समान नागरिक कानून बीजेपी का पुराना मुद्दा रहा है, और इसलिए इस कानून को लागू करने का उसे राजनीतिक अधिकार भी है।

हालांकि विपक्षी दल दबे स्वर में इसका विरोध करते रहे हैं, जबकि मुस्लिम समाज का विरोध का स्वर बहुत मुखर है। जमीयत-उलेमा-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी का विास है कि यूसीसी लागू करना नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात करने की एक सोची-समझी साजिश है। यह उनका व्यक्तिगत नजरिया हो सकता है। वस्तुत: इस कानून के लागू होने से मुस्लिम महिलाओं को प्रतिगामी रूढ़ियों और प्रथाओं से मुक्ति के  द्वार खुलेंगे।

इस कानून के प्रावधानों के तहत पति या पत्नी के रहते दूसरी शादी पर सख्ती से रोक लगेगी। जाहिर है, इससे बहुविवाह निषेध होगा। इसी तरह जिन आधारों पर पति अपनी पत्नी को तलाक देते हैं, उन्हीं आधारों पर पत्नी भी पति से तलाक ले सकेंगी। उत्तराखंड विधानसभा में प्रस्तुत इस विधेयक में कुछ विसंगतियां भी हैं। उदाहरण के लिए आदिवासियों को बनने वाले कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।

व्यावहारिक रूप से देखा जाए तो किसी अच्छे या श्रेष्ठ कानून से किसी को बचाव का रास्ता नहीं होना चाहिए। लिव-इन रिलेशनशिप से संबंधित प्रावधान भी वस्तुत: निगहबानी की झीनी सी चादर में ढके हुए हैं। अगर समय सीमा के भीतर इसका पंजीकरण नहीं कराया गया तो दंड और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस कानून के प्रावधानों पर संदेह भी किया जाता रहेगा और इस पर बहस भी होती रहेगी। इस तरह के कानून को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाता तो ज्यादा प्रभावी होता।



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment