UP CM ने कराया अधिकारियों को जिम्मेदारियों का अहसास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Chief Minister of Uttar Pradesh) ने अधिकारियों को हिदायत दी। उन्होंने कहा पीड़ितों को मदद बिना देरी की जाए और उचित पात्रों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने में देर नहीं होनी चाहिए।
![]() उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ |
उन्होंने किसी भी स्तर पर आ रही समस्याओं का निराकरण करने व लंबित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए भी कहा। योगी गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर परिसर में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे जहां लोग जमीन कब्जे से लेकर गंभीर रोगों के इलाज के लिए मदद मांगने आए थे। यह वही जनता है, जिसकी सुनवाई करने वाले उसे झिड़कते हैं। अदालतों में हमेशा ढेरों मामले लंबित रहते हैं।
जब ये लोग अधिकारियों के पास अपनी शिकायतें लेकर जाते हैं तो अमूमन इन्हें टरकाया जाता है या मौके पर सुनने वाले ही नहीं मौजूद होते। राज्य के मुखिया द्वारा इन बुनियादी दिक्कतों पर संबंधित अधिकारियों को दिए गए कड़े निर्देश फरियादियों के लिए सुकूनदायक हैं। कई दफा लोगों की समस्याएं इतनी छोटी और बेबुनियादी होती हैं, जिन पर दिशा-निर्देशों से ही काम बन जाता है। मगर इन्हें प्रशासन उचित मार्ग सुझाने को भी राजी नहीं होता।
लोग तुड़े-मुड़े कागज लिये सालों सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटते मिल जाएंगे। यह हाल समूचे देश का है। केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा जनकल्याणकारी योजनाएं बढ़-चढ़ कर बनाई जाती हैं। उनके प्रचार में करोड़ों रुपया भी बहा दिया जाता है। मगर जनता को उनका उचित लाभ मिलना दूभर हो जाता है। सरकारी तंत्र द्वारा जानते-बूझते मीन-मेख निकाल कर जरूरतमंदों को उनसे वंचित ही रखा जाता है। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर भी आमजन त्रस्त ही रहता है।
गंभीर व दीर्घकालिक रोगों का उचित इलाज कराना ढेरों लोगों की सामथ्र्य के बाहर है। उन्हें सरकारी अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिलता। ऑपरेशन वगैरह के लिए सालों का इंतजार थमा दिया जाता है। हकीकत में जितनी सुविधाएं हैं, जरूरतमंदों की संख्या उससे कई गुना ज्यादा है। मगर सरकारी योजनाओं पर हर शख्स का बराबर हक है।
उसे उसके अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। पीड़ितों की मदद के लिए शासन-प्रशासन को स्वयं ही हमेशा मुस्तैद रहना चाहिए। यह उनकी नैतिक ही नहीं, व्यावहारिक, व्यवस्थागत जिम्मेदारी भी है जिसे किसी को याद दिलाने की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
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