इस्राइल से दोस्ती
पिछले जुलाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस्राइल यात्रा से ही यह सुनिश्चित हो गया था कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे.
इस्राइल से दोस्ती |
इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नई दिल्ली यात्रा ने इसकी तसदीक कर दी है. उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, विज्ञान, तकनीक, तेल, सौर ऊर्जा, साइबर सुरक्षा आदि क्षेत्र में कुल नौ अहम समझौते हुए. द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी और नेतन्याहू ने साझा प्रेस वार्ता को सम्बोधित भी किया.
नेतन्याहू ने मोदी को क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि उनके सफल नेतृत्व एवं प्रयासों से भारत महत्त्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करेगा. लोगों को याद होगा कि प्रधानमंत्री मोदी की इस्राइल यात्रा के दौरान नेतन्याहू ने कहा था कि दोनों देशों का रिश्ता स्वर्ग में बना और इसे धरती पर साकार किया जा रहा है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों यरूशलम को राजधानी बनाने के सवाल पर भारत ने इस्राइल और अमेरिका के विरुद्ध जा कर संयुक्त राष्ट्र में वोट किया था. जाहिर है कि भारत के इस रुख से इस्राइल को निराशा हुई होगी.
बावजूद इसके नेतन्याहू का यह कहना कि एक नकारात्मक वोट से दोनों देशों के रिश्ते बदल नहीं सकते, तो इसका अर्थ यह है कि वह चतुर सुजान कूटनीति की ओर इशारा कर रहे हैं. दरअसल, अपनी क्षेत्रीय कूटनीति के कारण इस्राइल मध्य पूर्व से लेकर एशिया तक के देशों में अस्पृश्य रहा है. अलबत्ता, नेतन्याहू अपने राज्य के प्रति अधिकांश देशों का समर्थन जुटाना चाहते थे. एशियाई देशों में चीन इस्राइल के मसले पर तटस्थ रुख रखता है. रूस का उसकी क्षेत्रीय कूटनीति के कारण वैचारिक मतभेद है.
भारत उभरती हुई विश्व शक्ति है, लिहाजा उसके समर्थन का वैश्विक महत्त्व है. भारत से इस्राइल की दोस्ती उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि के निखार सकती है. दूसरी ओर, रक्षा, कृषि, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और आतंकवाद के मोच्रे पर भारत को भी इस्राइल की मदद और सहयोग की जरूरत है. यह पारस्परिक निर्भरता दोनों देशों को करीब ला रहा है. दरअसल, मोदी ने शिद्दत से यह महसूस किया होगा कि मध्य पूर्व में फिलिस्तीन का समर्थन करने की भारतीय नीति को अरब जगत ने मुक्त कंठ से सराहना नहीं की. उन्होंने कश्मीर के मसले पर भारत का खुलकर समर्थन नहीं किया. स्वाभाविक है कि ऐसी परिस्थितियों में इस्राइल और भारत की दोस्ती एक नया आकार ले रहा है तो किसी को अचरज नहीं होना चाहिए.
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