पाकिस्तान को चोट

Last Updated 17 Jan 2018 05:23:08 AM IST

आतंकी संगठनों और पाकिस्तान को लगता है भारत के सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का बयान हल्के में लेना भारी पड़ गया.


पाकिस्तान को चोट

एक दिन पहले जनरल रावत ने कहा था कि अगर पाकिस्तान अपनी करतूतों से बाज नहीं आया तो भारत को दूसरा विकल्प आजमाना पड़ेगा. और ठीक यही हुआ.

भारत ने ‘जैसे को तैसा’ के तर्ज पर न केवल पाकिस्तानी मेजर समेत 7 जवानों को मार गिराया वहीं उरी में 5 आतंकवादियों को ढेर कर दिया. वाकई सेना दिवस भारतीय सुरक्षा बलों के लिए कामयाबी भरा दिन रहा. यह सफलता इसलिए भी अहम है कि साल 2018 के 15 दिनों में सुरक्षा बलों ने 11 आतंकवादियों को मार गिराया.

2017 की बात करें तो सुरक्षा बलों ने 206 आतंकियों को ढेर किया. हालांकि न केवल पिछले साल आतंकी हिंसा की घटनाओं में तीन साल की तेजी दर्ज की गई वरन संघर्ष विराम उल्लंघन के मामले भी रिकार्ड (820) स्तर पर दर्ज हुए. सशस्त्र सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे आक्रामक अभियान चला रही है.

इस आक्रामकता का संदेश साफ है, अगर पाकिस्तान नहीं सुधरा तो इससे भी करारी चोट उसे दी जाएगी. सेनाध्यक्ष रावत ने सार्वजनिक तौर पर पिछले दिनों कहा भी कि सेना को पुरानी रणनीति से हटकर नई रणनीति और तौर-तरीके आजमाने होंगे. रावत ने यहां तक कहा दिया कि सेना पाकिस्तान के परमाणु हथियार झांसे का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है. यानी भारत पाकिस्तान की गीदड़भभकी से डरने वाला नहीं है.

सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई तब अंजाम दी जा रही है जब थाईलैंड में भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिल-बैठकर रिश्तों की गरमी बनाए हुए हैं. जाहिर है भारत का स्टैंड बिल्कुल साफ है. सेना आतंकवादी घटनाओं पर तुरंत प्रतिरोध करे और ठोस जवाब दे वहीं राजनीतिक टर्फ पर बातचीत की कोशिश भी जारी रहे. इस विचारधारा की बात जनरल रावत ने भी दोदिन पहले कही कि सैन्य-राजनीतिक अभियान साथ-साथ चले तो घाटी में स्थायी शांति लाई जा सकती है.

इसके बावजूद भारत को पाकिस्तान के हर पैंतरे को वक्त रहते भांप लेना होगा और राज्य में न केवल भारत विरोधियों के हौसले पस्त करने होंगे, वरन स्थानीय स्तर पर भी सक्रियता बढ़ानी होगी. बाकी का काम ऐसे जोरदार जवाबी हमलों से जरूर होंगे, इसमें कोई शक नहीं.



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