आतंकवादी हाफिज सईद
यह खबर हर भारतीय को तत्काल राहत देने वाली है कि पाकिस्तान ने किसी तरह हाफिज सईद को आतंकवादी माना है.
आतंकवादी हाफिज सईद (फाइल फोटो) |
वस्तुत: पंजाब प्रांत की सरकार ने सईद और उसके करीबी सहयोगी काजी काशिफ को आतंकवाद निरोधक कानून (एटीए) की चौथी अनुसूची में डाल दिया है. इस सूची में तीन अन्य लोगों अब्दुल्ला ओबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद के नाम भी शामिल किए गए हैं.
गृह मंत्रालय ने इन पांच लोगों की पहचान जमात उद दावा और फलाह-ए-इंसानियत के सक्रिय सदस्य के रूप में की है. खबर है कि मंत्रालय ने आतंकवाद निरोधक विभाग को इन लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं. आतंकवाद निरोधक कानून की चौथी अनुसूची में नाम शामिल होने का अर्थ ही है कि उस व्यक्ति का किसी न किसी तरह से आतंकवाद से संबंध है.
कानून के अनुसार चौथी सूची में शामिल लोगों की संपत्तियां जब्त कर ली जाती हैं, उनके पुराने सभी धंधों की जांच की जाती है, उनके पैसे के हिसाब-किताब की जांच की जाती है, उनके किसी भी बाहरी व्यक्ति से मिलने-जुलने और बयान जारी करने तक पर रोक लग जाती है. साथ ही आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के उनके आरोपों की जांच की जाती है. एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में तो उसका नाम पहले ही डाल दिया गया था.
इस तरह तत्काल हम मान सकते हैं कि सईद और उसके साथियों पर पाकिस्तान ने शिंकजा कस दिया है. अब हमें रोज-रोज कश्मीर पर भारत विरोधी बयान या वहां के लोगों को भड़काने की आवाज सुनने को नहीं मिलेगी. साथ ही इससे कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानपरस्त अलगाववादियों को भी धक्का लगा होगा. उस पार वह इनकी आवाज ही था. किंतु पाकिस्तान के पुराने रवैये को देखते हुए अभी बहुत ज्यादा उत्साहित होना व्यावहारिक नहीं होगा. सब कुछ उसके खिलाफ जांच करने वाली टीम पर निर्भर करेगा.
अगर उन्होंने जांच में नहीं माना कि हाफिज और उसके संगठन आतंकी गतिविधियों में किसी तरह संलिप्त रहे हैं तो फिर उस पर किसी तरह का प्रतिबंध लगाए रखना मुश्किल होगा. हम न भूलें कि पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों में सईद के समर्थकों या उससे सहानुभूति रखने वालों की कमी नहीं है. जैसा माना जा रहा है इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर के डर से पाकिस्तान ऐसा करने के लिए बाध्य हुआ है.
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