इतिहास का पहला डे-नाइट टेस्ट की तैयारियां जोर-शोर से

Last Updated 18 Nov 2019 04:52:37 PM IST

भारतीय क्रिकेट टीम के इतिहास में पहली बार खेले जाने वाले डे-नाइट टेस्ट को यादगार बनाने के लिये इसके मेजबान स्थान कोलकाता के ईडन गार्डन मैदान पर तैयारियां जोरदार स्तर पर चल रही हैं।


भारत और बाग्लादेश के बीच 22 नवंबर से शुरू होने वाला सीरीज का दूसरा मैच गुलाबी गेंद से डे-नाइट प्रारूप में खेला जाएगा। यह दोनों देशों के लिये पहला मौका है जब वे गुलाबी गेंद से टेस्ट मैच खेलेंगे।

यह भारत का 540 वां टेस्ट मैच होगा। दोनों देशों के बीच पहला मैच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में तीन दिन में ही समाप्त हो गया था।         

बंगाल क्रिकेट संघ(कैब) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) मिलकर इस मैच की तैयारियों में जुटा है जिसमें कई पूर्व दिग्गज क्रिकेटरों सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले के साथ साथ बाग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मौजूद रहने की भी उम्मीद है। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया गया है।

बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष और कैब के पूर्व प्रमुख सौरभ गांगुली की पहल के बाद भारत पहली बार डे-नाइट प्रारूप में खेलने को लेकर राजी हुआ है।

भारत अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट के इस सबसे नये प्रारूप में खेलने जा रहा है जिसके लिये कई प्रकार के कार्यक्रमों का इस दौरान आयोजन किया गया है।

कैब ने मैच में क्रे क्राफ्ट के साथ मिलकर ईडन गार्डन की दीवारों पर क्रिकेट के यादगार पलों को चित्रों के रूप में उकेरने का भी प्रयास किया है। यहां खिलाड़ियों के पहले मैच से लेकर उनके राष्ट्रीय टीम में खेलने तक के सफर को दिखाया जाएगा।

 क्रेक्रॉफ्ट के प्रमुख सयान मुखर्जी ने इस पूरी चित्रकला को डिजाइन किया है। उन्होंने कहा,‘‘ हम खिलाड़यिों के गली क्रिकेट से बड़े स्टेडियमों तक के सफर को दिखाएंगे।’’ इंडियन आर्ट कॉलेज में पढ़ने वाले करीब 20 कलाकार दीवारों पर चित्र उकेरने के लिये दिन-रात काम कर रहे हैं।

भारत और बाग्लादेश दोनों ही टीमों के लिये यह ऐतिहासिक पल होगा इसलिये उनके नाम का मस्कट भी तैयार किया गया है जिसे 'पिंकू-टिंकू’ नाम दिया गया है। यह मस्कट मैच के दौरान दिखाई देगा। वहीं आसमान में एक विशालकाय गुलाबी रंग का गुब्बारा भी मैच के आखिरी तक हवा में उड़ता रहेगा। शहीद मीनार और केएमसी पार्रें में गुलाबी रंग की रौशनी की जाएगी जबकि टाटा स्टील इमारत पर 20 नवंबर से 3डी मैपिंग देखने को मिलेगी।

द मेजरर क्लब रात को गुलाबी रौशनी करेगा तो 16 नवंबर से ही गंगा तट पर ऐसी रौशनी का प्रबंध किया गया है। यह मैच के दिन तक हावड़ा ब्रिज से विद्यासागर सेतू तक रहेगा। इन सबके अलावा पूरे शहरभर में दर्जनों बिलबोर्ड लगाये गये हैं जो गुलाबी गेंद से होने वाले मैच को लेकर विशेष जानकारी मुहैया कराएंगे।

दोनों टीमें सैंसपेरिल ग्रीनलैंड (एसजी) गुलाबी गेंद से मैच खेलेंगी जो टेस्ट में नियमित उपयोग होने वाली कूकाबूरा गेंदों से अलग है। भारत में रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू मैचों के लिये भी एसजी गेंदों का उपयोग किया जाता है जो वर्ष 1950 से ही उत्तर प्रदेश के मेरठ में बनाई जाती हैं।

कैब के सचिव अभिषेक डालमिया ने बताया कि सेना के पैराट्रूपर ईडन गार्डन मैदान में आसमान से नीचे उतरेंगे और मैच से पहले दोनों कप्तानों को गुलाबी गेंद देंगे। उन्होंने कहा,‘‘ सेना की ईस्टर्न कमांड के पैराट्रूपर विकेट पर दो गुलाबी गेंद लेकर उतरेंगे और दोनों कप्तानों को गेंद थमाएंगे।’’
डालमिया ने बताया कि मैच हर दिन एक बजे से शुरू होगा जिसमें तीन बजकर 40 मिनट पर लंच के बाद मैच फिर शुरू होगा जिसमें फ्लड लाइट ऑन कर दी जाएंगी। मैच का आखिरी सत्र 6 से 8 बजे तक चलेगा।
इस मैच को लेकर लोग काफी उत्साहित हैं और ईडन गार्डन में करीब 50 हजार दर्शकों के पहले तीन दिन उपस्थित रहने की उम्मीद है जिसकी टिकटें पहले ही बिक चुकी हैं।

 

 

वार्ता
कोलकाता


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