मुझसे बेहतर कप्तान बनेंगे विराट : धोनी
भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने टीम का नेतृत्व अब विराट कोहली को सौंप दिया है और उनका मानना है कि स्टार बल्लेबाज के नेतृत्व में भारतीय टीम अब तक की सबसे सफल टीम बनकर सामने आयेगी.
विराट और धोनी (फाइळ फोटो) |
धोनी ने भारत और इंग्लैंड के बीच रविवार को खेले जाने वाले पहले वनडे से पूर्व यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मुझे यकीन है कि भारतीय टीम विराट की कप्तानी में अब तक की सबसे सफल टीम बनकर दिखायेगी और मुझसे ज्यादा मैच जीतेगी. उनकी टीम निश्चित ही तीनों प्रारूपों में कमाल करेगी. भारत और इंग्लैंड के बीच वनडे और ट्वंटी 20 सीरीज से पहले ही धोनी ने अपनी कप्तानी इस प्रारूप में भी छोड़ दी और अब विराट तीनों प्रारूपों के कप्तान हैं.
धोनी ने अचानक सीरीज से पहले कप्तानी छोड़ने के फैसले पर कहा कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के पहले ही कप्तानी छोड़ने का मन बना चुके थे.’ उन्होंने कहा कि मेरी भारत में आखिरी सीरीज दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ थी और उसके बाद ही मैंने बीसीसीआई को कप्तानी छोड़ने के लिए कह दिया था.
पूर्व कप्तान ने साथ ही कहा कि उनके हिसाब से भारत में तीनों प्रारूपों में एक ही कप्तान होना चाहिये. उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से हमारे देश में अलग अलग प्रारूप के अलग कप्तान का प्रयोग कारगर नहीं है. इसलिए टेस्ट के अलावा वनडे और ट्वंटी 20 में एक ही कप्तान होना चाहिये.
विकेटकीपर बल्लेबाज ने साथ ही कहा कि बतौर कप्तान उन्हें किसी भी बात का कोई दुख या पछतावा नहीं है. धोनी ने कहा जिस तरह से जूनियर खिलाड़ी टीम को आगे ले जा रहे हैं.
उसे देखकर मुझे बहुत खुशी होती है. मुझे जीवन में किसी बात का दुख नहीं है. हर चीज जो आपको परेशान करती है वह आपको मजबूत बनाती है. मैंने जीवन में मुश्किल समय देखा है और फिर अच्छा समय भी देखा है.
उन्होंने कहा कि जब सीनियरों ने टीम छोड़ी और जूनियर टीम में आये वही जूनियर अभी आगे बढ़ रहे हैं. यह समय मैंने बहुत मजे से गुजारा. ये युवा खिलाड़ी ही टीम को बहुत अच्छी तरह से आगे ले जा रहे हैं.
बल्लेबाजी में अपने क्रम को बदलने के बारे में धोनी ने कहा कि उन्हें इसमें कोई परेशानी नहीं होती है इसलिये वह ऐसा कर सके. उन्होंने कहा क्रिकेट पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक तरीके से खेला जाता है और अधिकतर खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाते हैं. लेकिन मुझे बल्लेबाजी क्रम को बदलने में कोई परेशानी नहीं होती है. वैसे भी टीम में जो जिस प्रतिभा के साथ खेल सकता है उसे वही काम देना चाहिये ताकि वह बेहतर प्रदर्शन कर सके.
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