निकहत विश्व मुक्केबाजी के फाइनल में

Last Updated 19 May 2022 01:35:22 AM IST

पदार्पण कर रही निकहत जरीन (52 किग्रा) बुधवार को इस्तांबुल में विश्व मुक्कबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने वाली एकमात्र भारतीय रहीं जबकि दो अन्य मुक्कबाजों ने कांस्य पदक से अपना सफर समाप्त किया।


निकहत विश्व मुक्केबाजी के फाइनल में

पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन जरीन ब्राजील की कैरोलिन डि एलमेडा के खिलाफ मुकाबले के दौरान संयमित बनी रहीं और अपनी प्रतद्वंद्वी पर पूरी तरह दबदबा बनाये रखा। इससे वह 52 किग्रावर्ग के अंतिम चार मुकाबले में सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से जीत दर्ज करने में सफल रहीं।

लेकिन मनीषा मौन (57 किग्रा) और पदार्पण करने वाली परवीन हुड्डा (63 किग्रा) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। मनीषा को टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक इटली की इरमा टेस्टा से 0-5 के सर्वसम्मत फैसले से और परवीन को आयरलैंड की एमी ब्रॉडहस्र्ट से 1-4 के विभाजित फैसले से हार का सामना करना पड़ा।

वर्ष 2019 एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा अपनी दूसरी विश्व चैंपियनशिप में खेल रही थीं।

भारतीय मुक्केबाज ने अपने से तकनीकी रूप से बेहतरीन प्रतिद्वंद्वी को ताकतवर मुक्कों से पछाड़ने की कोशिश की लेकिन टेस्टा का रक्षण बेहतरीन था।

छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी ऐसी भारतीय महिला मुक्केबाज हैं जिन्होंने विश्व खिताब अपने नाम किये हैं। अब हैदराबाद की मुक्केबाज जरीन के पास भी इस सूची में शामिल करने का मौका है।

भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे। पिछले चरण में चार भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ लौटी थीं ।

भाषा
नई दिल्ली


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