ओलंपिक को लेकर जापान व आईओसी का रुख एक जैसा

Last Updated 22 Mar 2020 04:54:02 AM IST

टोक्यो ओलंपिक को तय समय पर कराने पर आमादा अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) से अपने फैसले की समीक्षा करने की मांग की गयी है।


टोक्यो : ओलंपिक स्टेडियम के सामने फोटो खिंचवाते उरुग्वे के स्टूडेंट्स।

टोक्यो ओलंपिक का आयोजन 24 जुलाई से नौ अगस्त तक होना है। आईओसी और जापान ने कहा है कि कोरोना वायरस के खतरे के बावजूद ओलंपिक का आयोजन तय समय पर होना है। लेकिन स्पोर्ट एंड राइट्स एलायंस (एसआरए) और र्वल्ड प्लेयर्स एसोसिएशन (डब्लूपीए) ने आईओसी से मांग की है कि वह अपने फैसले की समीक्षा करे और साथ ही इस मसले को लेकर खिलाड़ियों से बात करे।

विश्व के 168 देशों में फैल चुके कोरोना वायरस ‘कोविड 19’ का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब तक इस खतरनाक वायरस से 11,248 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि करीब 269,482 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। कोरोना के कारण दुनिया भर में सभी खेल आयोजन या तो आगे की तारीख के लिए स्थगित किये जा चुके हैं या फिर रद्द कर दिए गए हैं। एक तरफ जहां यह मांग उठ रही है कि ओलंपिक को स्थगित किया जाए तो दूसरी तरफ टोक्यो ओलंपिक की मशाल शुक्रवार को जापान पहुंच गयी। ओलंपिक मशाल को एथेंस से लेकर एक चार्टर्ड विमान टोक्यो 2020 गो मत्सुशिमा मियागी स्थित जापान के वायुसेना ठिकाने पर पहुंचा।

तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण विजेता तादहीरो नोमुरा और साओरी योशिदा ने विमान से मशाल को ग्रहण किया और इन्तजार कर रहे टोक्यो 2020 के अध्यक्ष योशिरो मोरी को सौंप दिया। इन दोनों एथलीटों और मोरी को एथेंस में मशाल ग्रहण करने वाले समारोह में जापानी शिष्टमंडल का हिस्सा होना था लेकिन इस शिष्टमंडल को ही रद्द कर दिया गया था। र्वल्ड प्लेयर्स एसोसिएशन (डब्लूपीए) के कार्यकारी निदेशक ब्रेंडन ाब ने कहा कि आईओसी को ओलंपिक तय समय पर कराने का फैसला करने से पहले खिलाड़ियों के साथ और विचार-विमर्श करना चाहिए। ाब ने एक बयान में कहा, ‘दुनिया इस समय एक महामारी की गिरफ्त में है और ओलंपिक जैसे बड़े खेल आयोजनों की समीक्षा किये जाने की जरूरत है। खतरा लगातार बढ़ ही रहा है और बातचीत में एथलीटों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए।’ टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालिफिकेशन अभी पूरे नहीं हुए हैं और इनमें से अधिकतर स्थगित कर दिए गए हैं। जापान के शहर टोक्यो को 11 हजार के करीब एथलीटों की मेजबानी करनी है और 50 फीसदी से ज्यादा एथलीट इन खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं। शेष एथलीटों को क्वालीफिकेशन या रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक में प्रवेश मिलना है।

एसआरए का एक हिस्सा यूमन राइट्स वॉच में निदेशक ¨मकी वार्डन ने भी कहा कि खेल संस्थानों को इस समय और पारदर्शी होने की जरूरत है। वार्डन ने कहा, ‘यह खतरनाक वायरस लोगों के स्वास्थ्य, लोगो के अधिकारों, रोजगार और करियर पर गहरा असर डाल रहा है और इसने साथ ही उन करोड़ों लोगों को भी प्रभावित किया है जिनका जीवन खेल उद्योग पर निर्भर है। खेल संस्थाओं की जिम्मेदारी है कि वे खिलाड़ियों के लिए ऐसा माहौल सुनिश्चित करें जहां खतरा न के बराबर हो।’ जापान ओलंपिक समिति की बोर्ड सदस्य काओरी यामागुची ने भी कहा है कि ओलंपिक खेलों को स्थगित कर दिया जाना चाहिए क्योंकि कोरोना वायरस के खतरे के कारण एथलीट अपनी पूरी तैयारी नहीं कर पाएंगे।

आईओसी की एक सदस्य ने भी ओलम्पिक कराने की जिद्द को गैर जिम्मेदाराना बताया है जबकि कई एथलीटों का कहना है आईओसी का फैसला खिलाड़ियों को खतरे में डालेगा। यामागुची ने कहा, ‘आईओसी का ओलंपिक को आयोजित कराने पर आमादा रहना खिलाड़ियों को खतरे में डाल देगा। मैं इस मामले को 27 मार्च को जापान ओलंपिक समिति की बोर्ड बैठक में उठाउंगी। मैं अमेरिका और यूरोप से आने वाली खबरों को देख रही हूं जिससे पता चलता है कि खिलाड़ी अपनी सामान्य ट्रेनिंग तक नहीं कर पा रहे हैं।’ आईओसी की सदस्य हेली विकेनहेसर ने खेलों को जारी रखने के फैसले को संवेदनहीन और गैरजिम्मेदाराना बताया है।

विकेनहेसर ने कहा,‘यह संकट बहुत बड़ा है। यदि हम खेलों को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित करते हैं तो हम इस खतरनाक वायरस के खतरे को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहे हैं। एथलीट ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे हैं, यात्रा करना मुश्किल है और बाजार तथा प्रायोजकों की हालत खराब है। मानवता की मौजूदा खराब हालत को देखते हुए ओलंपिक कराना सही फैसला नहीं होगा।’ मौजूदा ओलंपिक बांसकूद चैंपियन कैटरीना स्टेफानिदी सहित कई एथलीटों ने कहा कि आईओसी का फैसला खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है

 

वार्ता
नई दिल्ली


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