ओलंपिक गोल्ड ने बदली अर्जेंटीना हाकी की किस्मत
लियोनेल मेस्सी और डिएगो मैराडोना जैसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबालरों के देश अर्जेंटीना में पुरूष हाकी की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है
फाइल फोटो |
और पिछले ओलंपिक (2016 रियो ओलंपिक) में स्वर्ण पदक जीतने के बाद फुटबाल के जुनूनी लोगों के इस देश में अब पुरूष हाकी खिलाड़ी भी अपनी पहचान बना रहे हैं.
यह स्थिति तब है जब वहां महिला हाकी टीम काफी लोकप्रिय है जिसने पिछले चार ओलंपिक में पदक हासिल करने के साथ दो विश्व कप और सात चैपियंस ट्राफी खिताब भी अपने नाम किये हैं.
विश्व हाकी लीग में भाग लेने भुवनेश्वर आयी अर्जेंटीना टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में से एक गोंजालो पेल्लाट ने कहा, हमारे देश में पुरूष हाकी के अस्तित्व के लिये ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना जरूरी था. वह हमारे लिये ऐतिहासिक पल था. हमें पता है यह पदक कितना जरूरी था.
गत ओलंपिक में टीम के लिये 10 गोल करने वाले इस खिलाड़ी ने कहा, ओलंपिक जीत के बाद देश के लोगों की सोच में काफी बदलाव आया. हाकी का विस्तार हो रहा और इसका दायरा बढ़ रहा. पहले सिर्फ महिला हाकी टीम लोकप्रिय थी लेकिन अब दोनों टीमों को बराबर समर्थन मिल रहा है. अज्रेटीना का हर टेलीविजन चैनल हमारे प्रदर्शन पर नजर रखता है.
अर्जेंटीना में फुटबाल संस्कृति का हिस्सा है और फुटबाल खिलाड़ियों को वहां भगवान की तरह पूजा जाता है. ऐसे में हाकी की कम लोकप्रियता और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण पेल्लाट जैसे दिग्गज खिलाड़ी को जर्मनी और नीदरलैंड के यूरोपीय लीग में खेलना पड़ता है.
उन्होंने कहा, अर्जेंटीना के लोग फुटबाल के प्रति जुनूनी हैं. हाकी की कम लोकप्रियता के कारण हमारी टीम के आधे से ज्यादा खिलाड़ी यूरोपीय लीग में खेलते है.
टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी लुकास विल्ला ने रियो ओलंपिक से पहले पुरूष टीम को लेकर लोगों की मनोदशा के बारे में बताया, ओलंपिक स्वर्ण से पहले अज्रेटीना में पुरूष ओलंपिक लोकप्रिय नहीं था. हम जहां भी जाते थे, लोग हमारा मजाक उड़ते थे. हाकी किट के बारे में लोग पूछते थे कि क्या हम बंदूक ले जा रहे है.
उन्होंने कहा, अब लोगों की सोच में बदलाव आया है और वे हमें पहचानने लगे हैं.
अर्जेंटीना की पुरूष टीम रैंकिंग में पहले स्थान पर है तो वहीं महिला टीम तीसरे स्थान पर है.
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