गोल्ड मेडल से चूकीं सिंधू ने कहा- अंतिम समय में बदल गया पूरा गेम
ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधू ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकूहारा के खिलाफ मिली हार के बाद कहा कि अंतिम समय में की गई गलती ने पूरा गेम बदल दिया.
अंतिम समय में बदल गया पूरा गेम: सिंधू |
चौथी सीड सिंधू और सातवीं सीड ओकूहारा के बीच यह हाईवोल्टेज मुकाबला एक घंटे 50 मिनट तक चला जिसमें जापानी खिलाड़ी ने 21-19, 20-22, 22-20 से जीत हासिल कर विश्व चैंपियन बनने का गौरव अपने नाम कर लिया. सिंधू को रियो ओलंपिक 2016 में रजत जीतने के बाद विश्व चैंपियनशिप 2017 में भी रजत से संतोष करना पड़ गया.
सिंधू ने इस हार के बाद कहा, तीसरे गेम में 20-20 अंक पर यह मैच किसी तरफ भी जा सकता था. दोनों लोगों का लक्ष्य स्वर्ण पदक था और मैं इसके बहुत करीब थी. लेकिन आखिरी क्षण में सब कुछ बदल गया और मैं इससे बहुत दुखी हूं. उन्हें हराना आसान नहीं है. जब भी हम खेले तो वह आसान मुकाबला नहीं रहा.
मैंने कभी उन्हें हल्के में नहीं लिया. मैं मैच के लंबे समय तक चलने के लिए तैयार थी, लेकिन मुझे लगता है कि यह मेरा दिन नहीं था.
मैच के दौरान दोनों ही खिलाड़ी बुरी तरह थक चुकी थीं लेकिन कोई भी हिम्मत नहीं हार रही थी. सिंधू के पास मौका था लेकिन अंत में शायद थकावट उन पर बुरी तरह हावी हो गयी. जापानी खिलाड़ी ने 21-20 के स्कोर पर जैसे ही मैच विजयी अंक लिया ,जापानी समर्थक खुशी से उछल पड़े.
ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू ने कहा, यह मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी कठिन मुकाबला था. मुझे लगता है कि टूर्नामेंट का सबसे लंबे समय तक चलने वाला मुकाबला था. हम भारतीय बहुत गौरवान्वित हैं कि हमने सायना नेहवाल के अच्छे प्रदर्शन के साथ दो पदक जीते. मुझे बहुत गर्व है कि मैं देश के लिए रजत पदक जीत पाई. इससे मुझे काफी आत्मविास मिला है और मैं भविष्य में और खिताब जीतूंगी.
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