मेरा अगला लक्ष्य इंडोनेशिया ओपन है : सिंधू

Last Updated 30 Nov 2015 12:47:09 PM IST

लगातार तीसरा मकाउ ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीतने वाली भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू को खुशी है कि पैर की चोट से उबरकर वह सफल वापसी कर सकी.


फाइल फोटो

दो बार विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही सिंधू डेनमार्क ओपन में उपविजेता रही जो उसका पहला सुपर सीरिज फाइनल था. इसके अलावा मकाउ ओपन में सत्र का पहला खिताब जीता.
    
हैदराबाद की इस 20 वर्षीय खिलाड़ी की नजरें अब एक दिसंबर से शुरू हो रहे इंडोनेशिया मास्टर्स ग्रां प्री गोल्ड पर है. उसने कहा, ‘यह बेहतरीन जीत थी. मैं इससे बहुत खुश हूं. अब मेरा अगला लक्ष्य इंडोनेशिया है.’
     
उसने कहा, ‘मकाउ में यह खिताब की हैट्रिक रही और कुल मिलाकर प्रदर्शन अच्छा रहा. मितानी अच्छी खिलाड़ी है. मैं जापान ओपन में उससे हारी थी और मुझे खुशी है कि यहां उसे हरा सकी.’
   
उसने कहा, ‘मैं दूसरे गेम में ही जीत जाती लेकिन निर्णायक मौकों पर दो स्मैश नेट के भीतर चले गए जो काफी निराशाजनक था. तीसरे गेम में हालांकि मैने बढत बनाई और कायम रखी.’
     
स्टेडियम के हालात के बारे में पूछने पर सिंधू ने कहा, ‘हर जगह शटल को भांपना मुश्किल होता है. हम शिकायत नहीं कर सकते क्योंकि सभी के लिये यह समान था.’
     
आने वाले सत्र के बारे में उसने कहा, ‘जनवरी में आईबीएल खेलना है. इसके बाद सैयद मोदी, इंडियन ओपन वगैरह है. यह ओलंपिक साल है लिहाजा हर टूर्नामेंट अहम होगा और मैं उम्मीद करती हूं कि प्रदर्शन में लगातार सुधार आयेगा.’

इस सत्र में सिंधू का सफर उतार चढाव भरा रहा. बायें पैर में फ्रेक्चर के कारण वह आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप और इंडिया ओपन जैसे कई अहम टूर्नामेंट नहीं खेल सकी.
    
वापसी करने पर वह आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और चीनी ताइपै में जल्दी बाहर हो गई. उसने ओलंपिक चैम्पियन लि शुरूइ को हराया लेकिन जापान में मितानी से हार गई लेकिन वापसी करके डेनमार्क ओपन फाइनल में प्रवेश किया.
    
इस सत्र के बारे में सिंधू ने कहा, ‘यह सत्र ठीक रहा. चोट से आने के बाद प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन अब मैं पूरी तरह ठीक हूं. डेनमार्क में फाइनल खेला जो मेरा पहला सुपर सीरिज फाइनल था और फिर मकाउ में जीत दर्ज की.’
    
उसने कहा, ‘सबसे दुखद यह था कि बढत बनाने के बाद मैं मैच हार रही थी और ऐसे कई मैच थे. चोट जीवन का हिस्सा है और उस पर नियंतत्रण नहीं होता. मैं तीन चार महीने खेल नहीं सकी जो काफी कठिन था. ऐसे में संयम जरूरी था ताकि दमदार वापसी हो सके. इसमें समय लगता है लेकिन मुझे वापसी की खुशी है.’
 



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