आनंद को हराकर कार्लसन फिर बने बादशाह

Last Updated 24 Nov 2014 04:36:14 AM IST

नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने भारतीय धुरंधर विश्वनाथन आनंद पर अपना दबदबा बरकरार रखते हुए लगातार दूसरे साल विश्व शतरंज चैंपियनशिप खिताब बरकरार रखा.


विश्व शतरंज चैंपियनशिप की 11वीं बाजी के दौरान चाल चलते मैग्नस कार्लसन (दाएं).

उन्होंने आनंद को 11वीं बाजी में 45 चालों में हराया. पिछले साल चेन्नई में विश्व चैंपियनशिप जीतने वाले कार्लसन ने 12 का यह मुकाबला 6.5-4.5 से जीता. विशेषज्ञों की नजर में भले ही यह करीबी मुकाबला रहा हो लेकिन आनंद 2013 की तुलना में सिर्फ एक बाजी अधिक खेल सके. चेन्नई में दस बाजियों के बाद ही फैसला हो गया था. आनंद ने इस मुकाबले से कई सबक लिए होंगे. अब वह अगले कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में एक बार फिर खिताब जीतने की कोशिश करेंगे.

आनंद को पता था कि ड्रा से वह खिताब की दौड़ में बरकरार रहेंगे लेकिन वह आखिरी बाजी तक इंतजार नहीं करना चाहते थे और पहला मौका मिलने पर कार्लसन के लिए पेचीदगी बढ़ाने की कोशिश की.

रक्षात्मक तरीके से बाजी की शुरुआत करने वाले आनंद ने धीरे-धीरे इस पर पकड़ बना ली थी लेकिन 24वीं चाल में गलती कर गए और 45वीं चाल तक उन्होंने कार्लसन के आगे हार स्वीकार कर ली. सफेद मोहरों से खेल रहे कार्लसन ने इस बाजी में भी क्वीन की अदला-बदली कर दी.

आनंद ने 24वीं चाल में कार्लसन के बिशप के लिए अपने रूक की कुर्बानी दे दी और यहीं से मुकाबला उनके हाथ से फिसलना शुरू हो गया. बाद में आनंद ने बर्लिन डिफेन्स का प्रयोग भी किया लेकिन यह किसी काम नहीं आया और अंत में कार्लसन ने बाजी जीत ही ली.

वैसे, आनंद ने 11वीं बाजी में कार्लसन की तुलना में कम गलतियां की लेकिन लय बरकरार नहीं रख पाए. दूसरी ओर कार्लसन ने आनंद को चाल दर चाल माकूल जवाब दिया. मैच के बाद आनंद ने स्वीकार किया कि कार्लसन ने अधिक शांतचित्त होकर मुकाबला खेला.

विशेषज्ञों की राय में हालांकि आनंद के पास मौका था जिसे वह भुना नहीं सका. आनंद ने मुकाबले के बाद कहा, \'सभी बातों को ध्यान में रखा जाए तो मैग्नस ने बेहतर खेला. मैंने कुछ गलतियां की.\'
 



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