हॉकी फाइनल में भारत की भिड़ंत पाकिस्तान से
भारत ने मंगलवार को इंचियोन में सियोनहैक हॉकी स्टेडियम में मेजबान कोरिया को 1-0 से हराकर एशियाई खेलों की पुरुष हॉकी स्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली.
इंचियोन : कोरिया के खिलाफ सेमीफाइनल में आकाशदीप के गोल जमाने पर जश्न मनाते भारतीय खिलाड़ी (नीली जर्सी). |
आकाशदीप सिंह के शानदार मैदानी गोल की मदद से भारत ने मंगलवार को इंचियोन में सियोनहैक हॉकी स्टेडियम में मेजबान कोरिया को 1-0 से हराकर 12 साल में पहली बार एशियाई खेलों की पुरुष हॉकी स्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली. भारत ने पहले दो क्वार्टर में गोल करने के तीन अच्छे मौके गंवाए जिसके बाद आकाशदीप ने 44वें मिनट में गोल करके टीम को 1-0 की बढ़त दिलाई जो निर्णायक साबित हुई.
पिछली बार 2002 बुसान एशियाई खेलों के फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम अब फाइनल में बृहस्पतिवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगी. खिताब जीतने वाली टीम को 2016 रियो ओलंपिक में सीधे प्रवेश मिलेगा.
एशियाई खेलों में कोरिया के खिलाफ 14 मैचों में यह भारत की आठवीं जीत है जबकि दो मैचों में उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा है. कुल मिलाकर 72 मैचों में कोरिया के खिलाफ यह भारत की 29वीं जीत है. भारतीय टीम ने शुरुआत से ही मैच में दबदबा बनाए रखा और नियंत्रण में दिखी जबकि कोरियाई टीम भारतीय डिफेंस को छकाने में नाकाम रही.
भारतीय टीम ने लगातार कोरियाई टीम पर हमले बोले जबकि विरोधी टीम ऐसा करने में नाकाम रही. भारत को गोल करने का पहला मौका पांचवें मिनट में मिला लेकिन एसवी सुनील के पास को धर्मवीर सिंह अपने कब्जे में लेने में नाकाम रहे जबकि उन्हें सिर्फ विरोधी गोलकीपर म्युंगहो ली को छकाना था.
दूसरे क्वार्टर के तीसरे मिनट में भारत को लगातार दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन गोलकीपर ली ने वी रघुनाथ के हमलों को नाकाम कर दिया. रमनदीप सिंह और गुरविंदर सिंह चांडी ने एक बार फिर निराश किया लेकिन बीरेंद्र लाकड़ा, रघुनाथ, मनप्रीत सिंह और रूपिंदर पाल सिंह की रक्षापंक्ति ने ठोस खेल दिखाया.
दाएं छोर से गुरबाज सिंह ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया जबकि सुनील ने उनका अच्छा साथ निभाया. भारत को लगातार प्रयासों के बाद 44वें मिनट में सफलता मिली जब आकाशदीप ने काफी मुश्किल कोण से गोल करते हुए टीम को बढ़त दिला दी.
एक गोल से पिछड़ने के बाद कोरियाई टीम ने अंतिम क्वार्टर में हमले बढ़ा दिए लेकिन भारतीय डिफेंस को भेदने में नाकाम रहे. कोरिया को मैच खत्म होने से दो मिनट पहले अपना पहला और एकमात्र पेनल्टी कार्नर भी मिला लेकिन भारतीय डिफेंस ने एक बार फिर विरोधी टीम को गोल करने से रोक दिया. भारत के मुख्य कोच टैरी वाल्श ने कहा कि टीम ने कुछ मौके गंवाए लेकिन वह खिलाड़ियों ने जो ऊर्जा दिखाई उससे संतुष्ट हैं.
दूसरी ओर, बेहद रोमांचक मुकाबले में पेनल्टी शूटआउट में पाकिस्तान ने मलयेशिया को 6-5 से पराजित कर स्वर्ण पदक मुकाबले के लिए प्रवेश किया. मैच में मलयेशिया और पाकिस्तान के बीच मैच बहुत कड़ा रहा और दोनों टीमें चारों क्वार्टर में बिना किसी गोल के रहीं. इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में भी दोनों टीमें 3-3 की बराबरी पर रहीं. लेकिन पेनल्टी शूटआउट में भी दोनों टीमें के बराबरी पर रहने के बाद अतिरिक्त समय में निर्णय हुआ.
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