तालिबान नहीं चाहता पाक आधुनिक राष्ट्र बने
Last Updated 24 Apr 2009 10:55:56 PM IST
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इस्लामाबाद। तालिबान नहीं चाहता कि पाकिस्तान एक आधुनिक राष्ट्र बने लेकिन अमेरिका उसे उग्रवादियों से मिल रहे खतरे से मुकाबले में मदद के लिये प्रतिबद्ध है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान क्षेत्र के लिये अमेरिका के विशेष दूत रिचर्ड हालबुक ने जियो न्यूज चैनल को दिये एक साक्षात्कार में यह बात कही। हालब्रुक ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान एक समान दुश्मन का सामना कर रहे हैं। तालिबान पाकिस्तान सरकार जनता और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाना चाहते है।
उन्होंने कहा कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के प्रमुख बेतुल्ला महसूद अलकायदा नेता ओसामा बिन लादेन तथा तालिबान कमाण्डर मौलाना फजुल्ला और मुल्ला उमर नहीं चाहते कि पाकिस्तान देश के संस्थापक की आकांक्षा के अनुरूप एक आधुनिक राष्ट्र बने।
विशेष दूत ने कहा कि कुछ उग्रवादी पाकिस्तान में हैं और कुछ अफगानिस्तान में और वह समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। अमेरिका पाकिस्तानी लोगों को उग्रवादियों से बचाना चाहता है और पाकिस्तान सरकार को मदद करता रहेगा।
हालब्रुक ने कहा हमारा एक समान लक्ष्य है लेकिन अभी तक अफगानिस्तान में हमें सफलता नहीं मिली है। यह एक जटिल मुद्दा है हम आतंकवाद से मुकाबले के लिये पाकिस्तान में प्रशिक्षण दे रहे हैं। अलकायदा और तालिबान पाकिस्तान से अफगानिस्तान जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से उनकी बातचीत हुई जिन्होंने अमेरिकी दृष्टिकोण को सही बताया। एक हफ्ते के भीतर जरदारी के राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने की उम्मीद है।
पाकिस्तान के कबाइली इलाके में अमेरिकी ड्रोन हमलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने केवल यह कहा कि उग्रवादी पाकिस्तान में लोकतंत्र नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि समान दुश्मन से लडना जरूरी है लेकिन उसका ब्योरा नहीं बताया।
विशेष दूत ने पाकिस्तान में बर्खास्त जजों की बहाली का जिक्र करते हुए कहा कि विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और उन्होंने 15 मार्च को राष्ट्रपति जरदारी तथा पीएमएल एन प्रमुख नवाज शरीफ से टेलीफोन पर बातचीत की और सावधान रहने तथा देश में तनाव कम करने की सलाह दी।
कश्मीर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनका क्षेत्राधिकार पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक सीमित है। इस मुद्दे पर वह कुछ नहीं कह सकते।
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