बिना दुम वाला पहला धूमकेतु मिला

Last Updated 01 May 2016 05:38:04 PM IST

खगोलविदो को अपनी तरह का पहला बिना दुम वाला ऐसा धूमकेतु मिला है जिससे सौरमंडल के बनने और उसके विकास के रहस्य से पर्दा उठ सकता है.




बिना दुम वाला पहला धूमकेतु

ज्यादातर धूमकेतु बर्फ और अन्य जमे हुए पदार्थो से बने होते हैं और सौरमंडल से दूर जमी हुई अवस्था में बनते हैं. 

सामान्यत: इस क्षेत्र के धूमकेतु चमकीली दुम वाले होते हैं और सूर्य के करीब होने के कारण पिघलते हैं लेकिन पृथ्वी की तरह सूर्य से दूर ‘मैन्क्स’ काला और बिना दुम वाला है, द केप केनवेरल.
 
यह शोध ‘साइंस एडवांसिस’ नाम की पत्रिका में शुक्रवार को प्रकाशित हुआ, ‘मैन्क्स’ धूमकेतु का नाम बिना पूछ वाली बिल्लियों की एक नस्ल पर रखा गया है. 
 
यह धूमकेतु चट्टानों जैसी सामग्री से बना है जो आमतौर पर धरती के करीब पाई जाती है, ज्यादातर धूमकेतु बर्फ और अन्य जमे हुए पदार्थो से बने होते हैं और सौरमंडल से दूर जमी हुई अवस्था में बनते हैं.
 
शोधकर्ताओं का मानना है कि यह नया धूमकेतु पृथ्वी की तरह इसी क्षेत्र में बना होगा और फिर जैसे गुरुत्वाकर्षण बल के कारण सितारों को धकेला जाता है वैसे ही इसे भी सौरमंडल के पिछले हिस्से में धकेला गया होगा. 
 
वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश में लगे हैं कि कितने और धूमकेतु मौजूद हैं, इससे यह पता चल सकता है कि कैसे और कब सौरमंडल अपनी मौजूदा आकृति में बना. 
 
जर्मनी में यूरोपियन साउदर्न आब्जव्रेटरी के साथ काम करने वाले खगोलविद एवं इस शोध से जुड़े ओलिवर हैनॉट ने कहा कि इस धूमकेतु की मदद से हम यह पता लगाएंगे कि बड़े सितारे जब छोटे थे तो कैसे वह सौरमंडल में घूमते थे या फिर क्या वे बिना ज्यादा घूमे बढ़े. 
 
सामान्यत: इस क्षेत्र के धूमकेतु चमकीली दुम वाले होते हैं और सूर्य के करीब होने के कारण पिघलते हैं लेकिन पृथ्वी की तरह सूर्य से दूर ‘मैन्क्स’ काला और बिना दुम वाला है. 
 
धूमकेतु पर आमतौर पर बर्फ पाई जाती है लेकिन ‘मैन्क्स’ धूमकेतु पर चट्टान जैसी सामग्री है जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के क्षेत्र में पाई जाती है, मुख्य शोधकर्ता एवं यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई के खगोलविद कारेन मीच ने कहा कि ‘मैन्क्स’ काफी पुराना लगता है जिससे संकेत मिलता है कि यह सौरमंडल की गहराई में काफी लंबे समय से जमा हुआ है.
 
 



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