सुपर अर्थ के नए नक्शे ने खोले लावा क्षेत्र के राज

Last Updated 01 Apr 2016 06:14:25 PM IST

वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ‘सुपर अर्थ’ ग्रह का बेहद विस्तृत नक्शा तैयार किया है, जिसे दो भागों में बांटा गया है, इसमें पहला हिस्सा पूरी तरह पिघला हुआ और दूसरा अधिकतर ठोस बताया गया है.


सुपर अर्थ के नए नक्शे ने खोले लावा क्षेत्र के राज

वैज्ञानिकों के इस दल में एक वैज्ञानिक भारतीय मूल का भी है, नासा के ‘स्पिटजर स्पेस टेलीस्कोप’ से मिली जानकारी का इस्तेमाल करके शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्म पक्ष का तापमान 2500 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है जबकि ठंडे पक्ष का तापमान लगभग 1100 डिग्री सेल्सियस है. 

इस अध्ययन के शीर्ष लेखक और ब्रिटेन के ‘कैंब्रिज विश्वविद्यालय’ में कार्यरत ब्राइस ओलिवियर डेमोरी ने कहा, ‘हालिया नतीजे बताते हैं कि इस ग्रह पर रातें गर्म और दिन बेहद गर्म होते हैं, यह दर्शाता है कि यह पूरे ग्रह पर ऊष्मा का संचरण अच्छी तरह नहीं कर पाता,’ डेमोरी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इसकी व्याख्या दिन के समय रहने वाले वायुमंडल या ग्रह की सतह पर लावा के प्रवाह के माध्यम से की जा सकती है.’ 
 
इस अध्ययन के नतीजे एक ऐसे ग्रह की ओर इशारा करते हैं जिसपर वायुमंडल है ही नहीं, ये संभवत: एक लावा क्षेत्र की ओर इशारा करते हैं, जहां लावा रात के समय ठोस हो जाता है और ऊष्मा का संचरण नहीं कर पाता, कैंब्रिज में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी’ के निक्कू मधुसूदन ने कहा, ‘हम चट्टानी बाह्य ग्रहों की वायुमंडलीय रिमोट सेंसिंग के एक नए दौर में प्रवेश कर गए हैं, अब हम किसी चट्टानी बाह्य ग्रह की सतह पर व्यापक स्तर का तापमान वितरण माप सकते हैं.’
 



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