झाड़ियों पर रहने वाले मेंढक की नई प्रजाति मिली
जीव वैज्ञानिकों ने औषधीय झाड़ियों पर रहने वाले छोटे मेंढक की नई प्रजाति का पता लगाया है जिसकी कुल लंबाई महज 24 मिलीमीटर है.
फाइल फोटो |
कोशिकीय एवं आण्विक जीव विज्ञान केंद्र के डॉ. रमेश के अग्रवाल और भारतीय वन्यजीव संस्थान एवं विलुप्तप्राय प्रजाति संरक्षण प्रयोगशाला के डॉ. कार्तिकेयन वासुदेवन ने इस मेंढक की आकृति और कंकाल संरचना की प्रकृति का अध्ययन एवं मॉलिक्यूलर फायलोजेनेटिक विश्लेषण करके नई प्रजाति का पता लगाया है.
आम तौर पर रात में अधिक सक्रिय रहने वाले इन मेंढकों को औषधीय झाड़ियों के पत्तों पर फुदकते देखा जा सकता है. दिन के समय ये जमीन पर फैले पत्तों के बीच छिपे रहते हैं.
विज्ञान जर्नल ‘जू कीज’ में प्रकाशित लेख में इस मेंढक का नाम ‘अंडमान बुश टोड’ रखने का सुझाव दिया गया है. इनका रंग लालिमा लिए हुए भूरा होता है और इनकी पीठ पर गहरे भूरे रंग के ‘वी’ के आकार के दो निशान होते हैं.
अंडमान के पांच द्वीपों के सदाबहार जंगलों में मेंढकों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं लेकिन इन क्षेत्रों तक लोगों की पहुंच नहीं हो पाने के कारण इनके बारे में ज्यादा जानकारियां सामने नहीं आ पाई हैं.
दुनिया भर के 10 से भी कम स्थानों पर इनकी मौजूदगी पाए जाने के कारण इन्हें अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत विलुप्तप्राय प्रजाति में शामिल किया गया है.
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