मंगलयान ने पूरा किया एक साल
भारत के पहले अंतरग्रहीय मिशन ‘मंगलयान’ ने मंगल ग्रह की परिक्रमा करते हुए एक साल पूरा कर लिया है.
मंगलयान ने पूरा किया एक साल (फाइल फोटो) |
इस अवसर पर अहमदाबाद स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के स्पेस एप्लिकेशन सेंटर ने एक मार्स एटलस जारी किया जिसमें मंगलयान पर लगे मार्स कलर कैमरे से हासिल तस्वीरों और अन्य उपकरणों से प्राप्त की गयी अहम जानकारियां दी गयी हैं.
भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में नया इतिहास रचते हुए पिछले साल 24 सितंबर को अपने मंगलयान को सफलतापूर्वक पहले ही प्रयास में लाल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया था. भारत से पहले अमेरिका, रूस और यूरोपीय संघ ही मंगल पर सफलतापूर्वक मिशन भेजने में कामयाब रहे थे. पिछले एक वर्ष के दौरान इस पर लगे पांच उपकरणों ने लाल ग्रह के बारे में कई अहम जानकारियां पृथ्वी पर भेजी हैं जिनसे वैज्ञानिकों को मंगल के रहस्यों को जानने में मदद मिली है.
मंगलयान के अभी कई वर्षों तक मंगल की कक्षा में बने रहने की संभावना है.
इसरो के प्रमुख ए. एस. किरण कुमार ने हाल ही में कहा था कि मंगलयान में अब भी 35 किलोग्राम ईंधन बाकी है. उन्होंने कहा था कि मंगलयान को केवल छह माह के लिए तैयार किया गया था और इसरो को इस बात का अंदाजा नहीं था कि मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किये जाने के बाद उसमें इतना ईंधन बचेगा.
मंगलयान के सभी उपकरण और प्रणालियां ठीक काम कर रही हैं. कुल 450 करोड़ रुपए की लागत से तैयार मंगलयान को पांच नवम्बर 2013 को पीएसएलवी सी-25 के जरिए प्रक्षेपित किया गया था और यह दस महीने की यात्रा के बाद मंगल की कक्षा में पहुंचा था.
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