मलेरिया का उपचार खोजने वालों में भारतीय वैज्ञानिक भी

Last Updated 09 Jul 2015 02:17:11 PM IST

एक भारतीय वैज्ञानिक उन शीर्ष अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के समूह में शामिल है जिन्होंने मलेरिया के उपचार की दिशा में अहम भूमिका निभाने वाले एक प्रोटीन का पता लगाया है.


मलेरिया का उपचार खोजने वालों में भारतीय वैज्ञानिक भी

यह हैं झारखंड के लोहरदगा के डॉक्टर मोहम्मद आलम वह ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ पत्रिका में मंगलवार को छपे नए अध्ययन के लेखकों में शामिल हैं, ‘यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर’ की चिकित्सकीय अनुसंधान परिषद (एमआरसी) की टॉक्सीकोलॉजी यूनिट और ‘लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रापिकल मेडिसिन’ में आलम और अन्य वैज्ञानिकों ने एक अहम प्रोटीन की पहचान की है जिसे प्रोटीन काइनेज के नाम से जाना जाता है, यदि उसे निशाना बनाया जाए तो मलेरिया रोका जा सकता है.

आलम ने कहा, ‘मलेरिया संबंधी खोज कर रहे वैज्ञानिकों के बीच हमारे अनुसंधान के परिणाम को लेकर काफी उत्साह है क्योंकि यह हमें केवल उस जैव रासायनिक मार्ग के बारे में ही नहीं बताता जो हमारे शरीर में परजीवी के जीवित रहने के लिए आवश्यक हैं बल्कि यह हमें ऐसी दवाइयां तैयार करने में भी मदद करता है जो इस आवश्यक मार्ग को रोक सकती हैं और इस तरह परजीवी को नष्ट कर सकती हैं.’
 
वैज्ञानिक ने कहा, ‘बचपन में मुझे कई बार मलेरिया हुआ था और मैं हमेशा मलेरिया परजीवी के बारे में अध्ययन करना चाहता था ताकि प्रभावशाली दवाएं बनाई जा सकें,’ उन्होंने कहा, ‘पी फाल्सीपेरम के अस्तित्व तंत्र के अध्ययन के लिए मैं ‘यूनिवर्सिटी ऑफ लीसेस्टर’ में प्रोफेसर एंड्रयू टोबिन के अनुसंधान समूह और फिर चिकित्सकीय अनुसंधान परिषद की टॉक्सीकोलॉजी यूनिट से जुड़ा, यहां मैंने मलेरिया परजीवी के जैव रासायनिक मार्ग के अध्ययन के लिए फोस्फोप्रोटीओमिक्स की अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया.’
 



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