इंसानी दिमाग को भी मात दे सकती है मशीन

Last Updated 04 Mar 2015 05:41:14 PM IST

वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन तैयार की है जो एक इंसानी दिमाग की तरह सब काम कर सकती है.




इंसानी दिमाग को भी मात दे सकती है मशीन

अभी तक वैज्ञानिकों ने किसी इंसानी दिमाग को किसी मशीन में प्रयोग नहीं किया था पर अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी मशीन तैयार की है, जो किसी गेम को खुद ही सीख लेती है यानी जैसे एक इंसानी दिमाग सब काम कर सकता है वैसे ही ये मशीन कर सकती है. 

इस कंप्यूटर प्रोग्राम ने अब तक 49 वीडियो गेम सीख लिए हैं, इनमें से आधे में उसका प्रदर्शन किसी पेशेवर खिलाड़ी जैसा या उससे बेहतर रहा है. 
 
गूगल ‘डीप माइंड’ से जुड़े शोधकर्ताओं ने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ कि एक सिस्टम ने कई तरह के जटिल काम सीखकर उनमें महारत हासिल की. 
 
‘डीप माइंड’ के उपाध्यक्ष डॉ. हैसाबिस कहते हैं, ‘अभी तक खुद-ब-खुद सीखने वाले सिस्टम को आसान समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, पहली बार हमने इसका इस्तेमाल उन जटिल कामों के लिए किया, जो इंसानों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण हैं.’ 
 
गूगल ने ‘डीप माइंड’ को कथित रूप से 40 करोड़ डॉलर (लगभग 2400 करोड़ रुपए) में खरीदा है, ‘डीप माइंड’ कंप्यूटर प्रोग्राम में कोई वीडियो गेम खेलने से पहले केवल बुनियादी सूचनाएं दी जाती हैं. 
 
डॉ. हैसाबिस बताते हैं, ‘हमने सिस्टम को केवल स्क्रीन पर पिक्सेल की सूचनाएं दी थीं और इसे उंचा स्कोर हासिल करना था, बाकी इसे खुद पता करना था.’ 
 
इन 49 वीडियो गेम्स में ‘स्पेस इनवेडर’ से लेकर ‘पोंग, बॉक्सिंग, टेनिस और थ्री-डी रेसिंग’ भी शामिल है, इनमें से 29 खेलों में इसका प्रदर्शन एक खिलाड़ी के बराबर या उससे बेहतर था. 
 
वीडियो पिनबॉल, बॉक्सिंग और ब्रेकआउट में इसका प्रदर्शन पेशेवर से कहीं बेहतर रहा, लेकिन पैक-मैन, प्राइवेट आई और मांटेजुमा रिवेंज में इसे दिक्कतें आई. 
 
डॉ. हैसाबिस के मुताबिक, यह सिस्टम अनुभव के रूप में पिक्सेल से सीखता है कि क्या करना है, आप इसे एक नया गेम, नई स्क्रीन देते हैं तो यह कुछ घंटे खेलने के बाद खुद पता लगा लेता है कि क्या करना है. 
 
यह ताजा शोध स्मार्ट मशीन बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है.



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