श्रीहरिकोटा में आईआरएनएसएस उपग्रह के प्रक्षेपण का काउंटडाउन शुरू

Last Updated 13 Oct 2014 09:16:22 AM IST

भारत के नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस 1 सी के प्रक्षेपण की श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र में सोमवार को उल्टी गिनती शुरू हो गई .




IRNSS 1C के प्रक्षेपण के लिए काउंटडाउन शुरू (फाइल फोटो)

यह अमेरिका के ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम की तर्ज पर सात उपग्रहों की श्रृंखला में से तीसरा उपग्रह है . इसे पीएसएलवी सी 26 के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा .

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: ने बताया कि प्रक्षेपण प्राधिकार बोर्ड :एलएबी: से कल मंजूरी मिलने के बाद निर्धारित कार्यक्रम के सोमवार सुबह छह बजकर 32 मिनट पर उल्टी गिनती शुरू हो गई .

अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक उपग्रह के प्रक्षेपण के लिए 67 घंटे की उल्टी गिनती अबाध गति से जारी है .

भारतीय समयानुसार 16 अक्तूबर को तड़के एक बजकर 32 मिनट पर उपग्रह का प्रक्षेपण निर्धारित है . पूर्व में इसे 10 अक्तूबर को प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन तकनीकी खामी के चलते इसे स्थगित कर दिया गया .

प्रक्षेपण के समय 1,425 किलोग्राम वजन वाले आईआरएनएसएस 1 सी को सब जीओसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट :सब जीटीओ: में स्थापित किया जाएगा .

अमेरिका के ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम की तरह ही क्षेत्रीय नौवहन पण्राली स्थापित करने की आकांक्षाओं के तहत इसरो की भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह पण्राली :आईआरएनएसएस: में सात उपग्रह भेजने की योजना है .

श्रृंखला के पहले दो उपग्रह आईआरएनएसएस 1ए और और आईआरएनएसएस 1 बी हैं जो क्र मश: एक जुलाई 2013 और इस साल चार अप्रैल को श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किए गए थे .

इसरो के अधिकारियों ने कहा कि आईआरएनएसएस के अभियान को शुरू करने के लिए सात उपग्रहों में से इसरो को कम से कम चार को प्रक्षेपित करने की आवश्यकता है.

भारत द्वारा विकसित किया जा रहा आईआरएनएसएस देश में और क्षेत्र में सटीक स्थिति सूचना सेवा मुहैया कराएगा . इसका दायरा इसकी सीमा रेखा से 1,500 किलोमीटर परे तक विस्तारित होगा, जो प्राथमिक सेवा क्षेत्र है .

आईआरएनएसएस अमेरिका के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम, रूस के ग्लोनास और यूरोप के गैलिलियो की तरह ही है. चीन और जापान के पास भी इसी तरह की पण्राली ‘बेईदू’ और ‘कासी जेनिथ’ हैं.



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