साल में दो दिन भी साथ छोड़ देती है परछाई

Last Updated 26 May 2014 03:36:39 PM IST

कहते है कि परछाई कभी भी साथ नहीं छोड़ती, मगर साल में दो दिन ऐसे आते हैं, जब कुछ समय के लिए परछाई भी साथ छोड़ देती है.


Shadow

गुजरात के वडोदरा से मिली जानकारी के अनुसार परछाई तब बनती है, जब प्रकाश के बीच में कोई वस्तु आ जाती है. इस तरह सूर्य के प्रकाश से पैदा हुई परछाई सूर्य के पूर्व से पश्चिम तक चलने पर पश्चिम से पूर्व की ओर खिसकती है.

खगोलशास्त्री दिव्यदर्शन डा. पुरोहित के अनुसार, पृथ्वी के 23.5 डिग्री के झुकाव की वजह से सूर्य 23.5 डिग्री तक जाकर वापस आता है.

उस दौरान विषुवृत्त से कर्क वृत्त तक सूर्य के जाते समय और वापस कर्क वृत्त से विषुवृत्त तक आते समय साल में दो बार उन दोनों के बीच रहने वाली सभी वस्तुओं यानी पेड़, मकान, गाड़ी सब की परछाई गायब हो जाती है. लेकिन यह करिश्मा कर्कवृत्त से ऊपर रहने वालों को देखने को नहीं मिलता है.

दो और तीन जून को बनेगी यह स्थिति

पुरोहित ने बताया कि जब सूर्य का देक्लिनेसन यानी आकाशीय ढलान हमारे शहर या गांव के लेतित्युद यानी की अक्षांस से मेल खाता है, जब सूर्य शहर के मध्यांतर रेखा पर आता है तब शहर की सारी परछाई दोपहर में पूरी तरह गायब हो जाती है.

पुरोहित ने कहा कि आम धारणा है कि दोपहर 12 बजे ऐसी स्थिति बनती है, मगर ऐसा नहीं है. जब शहर या गांव के मध्यांतर रेखा पर सूर्य नारायण आते हैं तभी ऐसा होता है.

उन्होंने कहा कि वड़ोदरा में यह स्थिति दो और तीन जून को दोपहर बाद 12.35 बजे बनेगी. जबकि आठ और नौ जुलाई को दोपहर बाद 12.42 बजे वड़ोदरा में यह स्थिति बनेगी.



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment