Joshimath Crisis: हालात हुए और भी खतरनाक, जोशीमठ के 14 और भवनों में आई दरारें

Last Updated 21 Jan 2023 12:37:00 PM IST

जोशीमठ शहर में एक बार फिर दारार वाले भवनों की संख्या में इजाफा हुआ है। शुक्रवार को 14 और भवनों में दरारें आई हैं।


अब दरार वाले भवनों की संख्या बढ़कर 863 हो गई है। वहीं 181 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि प्रभावित किरायेदारों को भी 50 हजार रुपये की सहायता राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक प्रभावित आठ किरायेदारों को 50 हजार रुपये प्रति परिवार के हिसाब से चार लाख रुपये की धनराशि तत्काल सहायता के रूप में दी गई है। ध्वस्त किए जाने वाले भवनों की संख्या और बढ़ सकती है। सीबीआरआई की ओर से सर्वेक्षण का काम पूरा होने के बाद इनकी सूची जारी की जाएगी।

शुक्रवार को हुई बारिश और बर्फबारी के बाद जेपी कॉलोनी में हो रहे भूजल रिसाव की गति भी बढ़ गई है। एक दिन पहले यहां 150 एलपीएम (लीटर प्रति मिनट) रिसाव हो रहा था, जो शुक्रवार को 250 एलपीएम दर्ज किया गया। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि संभवत: बारिश के कारण रिसाव बढ़ गया है। लेकिन इसका वैज्ञानिक पहलू क्या है, यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। शुक्रवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में जोशीमठ पर डेली ब्रीफिंग में सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी के बाद आपदा राहत कार्यों में व्यवधान पड़ा, लेकिन सभी कार्य सुचारू रूप से किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सर्वे का काम आगे बढ़ रहा है, दरार वाले भवनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक 20 के करीब भवनों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनकी संख्या और बढ़ सकती है। कुछ लोग अब खुद से आगे आकर अपने भवनों को तोड़ने का अनुरोध जिला प्रशासन से कर रहे हैं।

डॉ. सिन्हा ने बताया कि मौसम के बदले रुख को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राहत शिविरों के सभी कमरों में हीटर और बाहर अलाव की व्यवस्था कर दी गई है। जोशीमठ में विभिन्न तकनीकी संस्थानों की ओर से किए जा रहे सर्वेक्षण एवं अध्ययन कार्य निरंतर जारी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पुन: जोशीमठ के आपदा प्रबंधन कार्यों के संबंध में उच्च स्तरीय बैठक लेंगे।

उन्होंने बताया कि डेढ़ लाख रुपये प्रति परिवार के हिसाब से अब तक 218 परिवारों को तीन करोड़ 27 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध करा दी है। अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 650 कमरों में 2919 लोगों और पीपलकोटी में 491 कमरों 2205 लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। जोशीमठ में राहत शिविरों में कमरों की संख्या 615 से बढ़ाकर 650 कर दी गई है। उन्होंने बताया कि चार वाडरें में 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं। यहां के 269 परिवार सुरक्षा के ²ष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किए गए हैं। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़कर अब 900 हो गई है।

सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. सिन्हा ने बताया कि राहत शिविरों में कोई भी प्रसूता महिला नहीं है। वर्तमान में जोशीमठ के नगर पालिका क्षेत्र में 18 प्रसूता महिलाएं हैं, जो अपने घरों में रह रही हैं। जोशीमठ का हॉस्पिटल सुरक्षित है। इसलिए इलाज में काई दिक्कत नहीं है। डॉ. सिन्हा ने ये भी बताया कि राहत शिविरों में 10 वर्ष से कम आयु के 81 बच्चे हैं, जिनका स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी हाईस्कूल और इंटरमीडियट स्कूल पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इसलिए बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से कराई जा रही है।

आईएएनएस
देहरादून


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