उत्तराखंड में व्यापक क्षति को देखते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री से 500 करोड़ रुपए की मांग की

Last Updated 27 Jul 2016 02:52:00 PM IST

मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर पिछले दिनों उत्तराखंड में भारी बरसात, बादल फटने व भूस्खलन से हुई व्यापक क्षति को देखते हुए 500 करोड़ रूपए की तत्काल सहायता की मांग की है.


हरीश रावत (फाइल फोटो)

 

 

मुख्यमंत्री हरीश रावत हालिया आपदा को आपदा तो नहीं कह रहे हैं लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट कर पिछले दिनों उत्तराखंड में भारी बरसात, बादल फटने व भूस्खलन से हुई व्यापक क्षति को देखते हुए 500 करोड़ रूपए की तत्काल सहायता की मांग की है. 

 

उन्होंने आपदा के प्रति संवेदनशील 370 गांवों के सुरक्षित क्षेत्रों में पुनर्वास के लिए 10 हजार करोड़ रूपए की जरूरत भी बताई और केंद्र सरकार से संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की. 

मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य में दैवीय आपदा से हुए नुकसान का ब्योरा देते हुए राज्य को आवश्यक सहायता देने का आग्रह किया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश के वर्तमान सीजन में प्रारंभिक आंकलन के अनुसार लगभग 1000 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है. सितम्बर माह के अंत तक यह नुकसान 1500 करोड़ रपए तक हो सकता है. 

सीमित संसाधनों कारण क्षति की यह राशि राज्य की क्षमता से बाहर है. क्षतिग्रस्त योजनाओं के पुनर्निर्माण व संवेदनशील क्षेत्रों में सामान्य स्थिति लाने में केंद्र सरकार का सहयोग आवश्यक है. 

उन्होंने केंद्र से 500 करोड़ रूपए की तत्काल सहायता दिए जाने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षो में मौसम संबंधी बदलावों के कारण उत्तराखंड में भारी बरसात, बादल फटने, भूस्खलन की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. 

इस वर्ष भी भारी बरसात के कारण राज्य में विशेष तौर पर टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी व चमोली में मानव क्षति के साथ सम्पत्ति व इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत नुकसान हुआ है. 

एनडीआरएफ के सक्रिय सहयोग से राज्य सरकार ने सामान्य स्थिति बहाल करते हुए प्रोएक्टिव उपायों से बहुत सी अमूल्य जानें बचाई हैं. भारी बरसात का प्रभाव क्षेत्र बहुत विस्तृत रहा है और सड़क, बिजली, पेयजल, कृषि, वन व अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बहुत नुकसान हुआ है. फसलों व कृषि भूमि की क्षति का आंकलन किया जा रहा है. 

राज्य सरकार अपने संसाधनों से आपदा राहत कायरे व पुनर्निर्माण में लगी है. इसमें केंद्र सरकार से भी 500 करोड़ रूपए की तत्काल सहायता की आवश्यकता है.

 



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