उत्तराखंड में भीमलाल आर्य पर फैसला सुरक्षित
दल बदल कानून के तहत भाजपा विधायक भीमलाल आर्य पर करीब साढ़े तीन घंटे चली सुनवाई के बाद स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
(फाइल फोटो) |
गुरुवार को स्पीकर ने आर्य व भाजपा दोनों ही पक्षो को अपनी-अपनी बात रखने के लिए बुलाया था. विधानसभा में सुनवाई के दौरान दोनों ही पक्ष की ओर से कागजात व अपने- अपने समर्थन में सूबत पेश किये गये.
स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इसका अध्ययन किया जायेगा. उसके बाद ही कोई निर्णय दिया जाएगा. कुंजवाल ने स्पष्ट कहा कि सुनवाई पूरी हो चुकी है लेकिन फैसला सुरक्षित है.
विधानसभा के सचिव जगदीश चंद्र ने बताया कि सुनवाई के दौरान दोनों पक्ष के अधिवक्ता मौजूद थे. उन्होंने कहा कि दोनों ही पक्ष को अपनी बात रखने का पूरा समय दिया गया. भाजपा से निलंबित चल रहे विधायक भीमलाल आर्य ने कहा कि भाजपा ने उन्हें 5 मई 2015 से निलंबित कर रखा है.
तब से आज तक भाजपा की ओर से किसी तरह का पत्राचार उनसे नहीं किया जा रहा है. उन्हें पार्टी की किसी भी बैठक में भी नहीं बुलाया गया और न ही पार्टी द्वारा संचालित किसी तरह की गतिविधियों की जानकारी दी गयी और अब एकाएक भाजपा का प्रेम उनके प्रति उमड़ा है.
दूसरी ओर भाजपा के अधिवक्ताओं ने कहा कि मतदान के दिन वे मौजूद ही नहीं थे. जबकि व्हिप जारी कर दिया गया था. इस संबंध में कई दस्तावेज भी स्पीकर को सौंपे गए. हालांकि आर्य ने कहा कि उन्हें बीते एक साल के दौरान किसी तरह का कोई पत्र भाजपा की ओर से नहीं मिला और न ही उनका कोई हस्ताक्षर है.
सुनवाई के बाद स्पीकर ने फैसले सुरक्षित करने का एलान किया. उल्लेखनीय है कि स्पीकर ने भाजपा विधायक भीमलाल आर्य व भाजपा के मुख्य सचेतक मदन कौशिक दोनों को ही 28 अप्रैल को सुनवाई के लिए बुलाया था. साथ ही सभी पक्षों से जरूरी दस्तावेज सौंपने की बात भी कही थी.
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