उत्तराखंड : देहरादून में राष्ट्रीय आरोग्य मेला

Last Updated 07 Feb 2016 01:02:24 PM IST

आयुर्वेद सहित विभिन्न प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों और उनमें हो रहे शोध कार्य के बारे में आम लोगों को जागरूक करने के मकसद से केंद्र सरकार का आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय आरोग्य मेला आयोजित कर रहा है.




देहरादून में राष्ट्रीय आरोग्य मेला (फाइल फोटो)

देहरादून में चल रहे राष्ट्रीय आरोग्य मेला के बारे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने संवाददाताओं को बताया कि उत्तराखंड सरकार और कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज के सहयोग से आयोजित होने वाले तीन दिवसीय मेले का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद सहित सभी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देकर प्रदेश के स्थानीय लोगों की सेहत और जीवन शैली को सुधारते हुए उनमें बीमारियों के स्तर को कम करना है.

उन्होंने बताया कि आयुष चिकित्सा के तहत आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध तथा योग जैसी पांच प्राचीन चिकित्सा पद्घतियों को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं से जोड़ा जायेगा.

नेगी ने कहा कि उत्तराखंड में औषधि युक्त पौधों और जड़ी बूटियों की भरपूर पैदावर होती है जिसे इस वर्ष के राष्ट्रीय आरोग्य मेला के माध्यम से और बढ़ावा दिया जायेगा. उन्होंने बताया कि इस वर्ष के मेले में दवाई उद्योग से जुड़ी कुल 66 कंपनियां भाग ले रही हैं जिनमें से ज्यादातर उत्तराखंड की हैं.

मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर इस वर्ष 10 फरवरी को मनाये जा रहे नेशनल डीवर्मिंग डे के लिये सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों तथा सरकारी वित्त पोषित स्कूलों में पढने वाले एक वर्ष से 19 वर्ष के बच्चों को कृमि नियंत्रक दवा दी जायेगी.

नेगी ने कहा कि जो बच्चे स्कूल नहीं जाते उन्हें आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से यह दवा वितरित की जायेगी. उन्होंने कहा कि शरीर में मौजूद कृमि भोजन में मौजूद विटामिनों को खा लेते हैं जिससे बच्चों में खून में कमी हो जाती है और उनके शारीरिक विकास पर असर पड़ता है. इसीलिए यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है.



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