टिहरी बांध के जलाशय में इको टूरिज्म के लिए 17 करोड़

Last Updated 24 Nov 2015 01:41:22 PM IST

टिहरी बांध के जलाशय में इको टूरिज्म व एडवेंचर स्पोर्ट्स की राज्य सरकार की योजना आकार लेने लगी है.


टिहरी बांध के जलाशय में इको टूरिज्म के लिए 17 करोड़

टिहरी झील में इको टूरिज्म के लिए राज्य सरकार को केंद्रीय नागरिक उड्डयन एवं पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत 17 करोड़ सात लाख 46 हजार रुपये मिले हैं.

प्रदेश शासन के पर्यटन विभाग के सचिव शैलेश बगोली ने पर्यटन निदेशालय को यह धनराशि जारी भी कर दी है. 42 वर्ग किलोमीटर में फैली डल झील से दोगुनी टिहरी झील और आसपास के इलाकों में पर्यटन गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा.

प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए 80 करोड़ 37 लाख 3 हजार रुपये का प्रस्ताव तैयार किया था. केंद्र ने 20 फीसद धनराशि जारी कर दी थी. इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ इको टूरिज्म एंड एडवैंचर स्पोर्ट्स एसोसिएटेड टूरिज्म रिलेटेड इनफ्रास्ट्रक्चर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टिहरी लेक एंड सराउंडिंग्स एज न्यू डेस्टिनेशन डिस्ट्रिक्ट टिहरी उत्तराखंड के तहत टिहरी झील में साहसिक खेलों के प्रोत्साहन के साथ आस-पास के क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों का विकास किया जाना है.

प्रदेश सरकार टिहरी झील में एडवैंचर स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन भी करा चुकी है. झील से सटे कोटी क्षेत्र में टिहरी झील मेगा प्रोजेक्ट के जरिए 2012 में राजीव गांधी साहसिक खेल अकादमी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.

करीब 3 करोड़ 85 लाख की लागत से निर्मित राजीव गांधी साहसिक खेल अकादमी गोवा के बाद पूरे भारत में वाटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का दूसरा स्टीफाइट ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट होगा, जहां वाटर, लैंड और ऐरो एडवेंचर स्पोर्ट्स का संचालन किया जाएगा और ट्रेनिंग दी जाएगी, खेल अकादमी शुरू होने से रोजगार के अवसर खुलेंगे.

पर्यटकों के लिए भी टिहरी झील रोमांच का जरिया बनेगी. राजीव गांधी साहसिक खेल अकादमी को जिला साहसिक खेल विभाग या पीपीपी मोड पर दिए जाने की चर्चाएं हैं. झील में 10 तैरती कुटिया के साथ शुरुआत की जाएगी.

डल झील के शिकारों की तर्ज पर हर तैरती कुटिया में 10 फुट चौड़ाई और 12 फुट लंबाई का एक कमरा, इससे सटा एक शौचालय और एक बालकनी होगी. तैरती कुटिया पर्यावरण के अनुरूप होगी. कचरा एक चैंबर में डाला जाएगा. झील से दूर इसका निस्तारण होगा.

मुंबई की कंपनी तैरती कुटियों पर काम शुरू कर चुकी है. झील में इसकी शुरुआत करने में आठ महीने लगेंगे. हर तैरती कुटिया पर 40 लाख रुपये की लागत आएगी.

परियोजना की देखरेख झील विकास प्राधिकरण करेगा. इससे निवेश की नई संभावनाएं विकसित होंगी. पिछले साल 14-15 नवंबर को टिहरी झील में साहसिक खेल महोत्सव का आयोजन किया गया था. उस दौरान झील में वाटर स्पोर्ट्स और एयरो स्पोर्ट्स का आयोजन किया गया था. इस बार 50 से ज्यादा ट्रैवल्स कंपनियों और इन्वेस्टर्स को महोत्सव के लिए बुलाया है.



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