उत्तराखंड : सेवानिवृत्ति लाभ पुरानी सर्विस जोड़कर
उत्तराखंड शासन के वित्त विभाग ने उत्तराखंड सेवानिवृत्ति लाभ (संशोधन) नियमावली-2015 की अधिसूचना जारी कर दी है.
उत्तराखंड : सेवानिवृत्ति लाभ पुरानी सर्विस जोड़कर (फाइल फोटो) |
संशोधित नियमावली में सेवानिवृत्ति लाभ के प्रावधान ज्यादा स्पष्ट कर दिए गए हैं. सचिव वित्त डा. एमसी जोशी की ओर से जारी संशोधित नियमावली के मुताबिक यह नियमावली राज्य के कार्यकलाप के संबंध में पेंशनी स्थापना सेवाओं और अस्थायी व स्थायी पदों पर पर एक अक्टूबर 2005 को या उसके बाद प्रवेश करने वालों पर लागू नहीं होगी.
साथ ही जो कर्मचारी एक अक्टूबर 2005 को या उसके बाद राज्य सरकार की किसी सेवा में नए नियुक्त हुए हैं लेकिन वे उक्त तिथि से पहले उत्तराखंड सरकार, केंद्र सरकार , केंद्र शासित प्रदेश या किसी अन्य राज्य सरकार की सेवा में अस्थायी या स्थायी रूप से नियुक्त थे और पुरानी पेंशन हित लाभ योजना से आच्छादित थे और जिनकी पुरानी राजकीय सेवा और नई राजकीय सेवा के बीच कोई व्यवधान न हो तो ऐसे कर्मचारी पुरानी पेंशन हित लाभ योजना से लाभान्वित होंगे.
बशर्ते कि उन्होंने उक्त सेवा ग्रहण करने के लिए उचित माध्यम से आवेदन किया हो और सक्षम प्राधिकारी द्वारा उन्हें इजाजत दे दी गई हो. यदि किसी प्रशासकीय कारण से तकनीकी जरूरत को पूरा करने के लिए उसे अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा हो और त्यागपत्र स्वीकार करने वाले प्राधिकारी द्वारा यह प्रमाण पत्र दे दिया गया हो कि ऐसा त्यागपत्र उचित अनुमति से प्रशासकीय कारणों या किसी तकनीकी जरूरत की पूर्ति के लिए नए पद का कार्यभार ग्रहण करने के लिए दिया गया था.
प्रतिबंध यह होगा कि केंद्र सरकार , केंद्र शासित प्रदेश या अन्य राज्य सरकारों के अधीन सेवा में नियमित नियुक्त कार्मिकों को जिनकी सेवाएं पेंशन के लायक हैं को उनकी पूर्व में की गई सेवा को सेवानिवृत्ति के लाभ के लिए जोड़े जाने के नजरिए से उन्हें अपने पैतृक सेवायोजक मसलन केंद्र सरकार वगैरह के अधीन की गई कुल सेवा अवधि के आधार पर अनुमन्य पेंशन उपादान, राशिकरण की राशि व अवकाश अंशदान की धनराशि उत्तराखंड में लागू नियमों के मुताबिक प्रदेश सरकार के सुसंगत लेखाशीर्षक के तहत राजकोष में जमा कराना होगा.
इन कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते में जमा धनराशियों का अंतरण व रखरखाव उत्तराखंड सामान्य भविष्य निधि नियमावली-2006 के नियमों के मुताबिक होगा.
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