मुख्यमंत्री हरीश रावत आवास पर धमके भाजपा विधायक

Last Updated 06 Oct 2015 02:57:29 PM IST

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री आवास कूच करने के लिए भाजपा नेताओं ने एक नई परंपरा डाल दी है.


मुख्यमंत्री आवास पर धमके भाजपा विधायक

देहरादून से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा नेताओं ने रैली के लिए तय रूट पर छद्म रूप से कार्यकर्ताओं की रैली निकाली, लेकिन कई विधायक दूसरे रास्तों से सीएम आवास तक धमक गये. गुरिल्ला युद्ध की तरह अपनाई गई इस रणनीति से सीएम आवास में अफरा-तफरी मच गई.

विधायकों के वहां पहुंचने से प्रशासन व पुलिस के हाथ-पांव फूल गये. इसके बाद वहां धरने पर बैठे विधायकों व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेजना पड़ा. तहसीलदार के साथ मारपीट के मामले में जेल जा चुके भाजपा विधायक अरविंद पांडे को लेकर भाजपा ने मुख्यमंत्री आवास कूच करने का ऐलान किया था.

सोमवार को भाजपा नेताओं ने परंपरा से हटते हुए गुरिल्ला युद्ध की तर्ज पर रणनीति बनाई. प्रदर्शन करता हुआ मुख्य दल सीएम आवास जाने वाले हाथी बड़कला से ही गया. वहां बैरिकेडिंग पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया, लेकिन भाजपा के विधायकों ने दूसरे रास्तों से चलकर मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने की कोशिश की, जिसमें वे सफल रहे.

नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट और प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत को पुलिस ने दून स्कूल के पास बैरिकेडिंग लगाकर रोका तो वे वाहनों से उतर कर पैदल ही मुख्यमंत्री आवास के लिए निकल पड़े.

इस दौरान पुलिस की उनके साथ धक्का-मुक्की हुई. कुछ भाजपा के पदाधिकारी और विधायक कांग्रेस भवन के बगल वाली नेशविला रोड से मुख्यमंत्री आवास पहुंचे. कैंट रोड पर भाजपाइयों को रोक कर रूट डायवर्ट करने के चक्कर में वहां जाम लग गया, जिसकी वजह से वहां काफी देर तक अफरा-तफरी रही.

हाथी बड़कलां पर भी पुलिस ने भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने का प्रयास किया मगर रूट डायवर्ट करने के चक्कर में यहां जाम लग गया. पुलिस जाम के झाम में फंस गई और मौके का फायदा उठाकर भाजपा के कई नेता मुख्यमंत्री आवास के लिए निकल पड़े। करीब सवा 12 बजे 20 से अधिक पदाधिकारी व विधायक सीएम आवास के गेट तक पहुंचने में सफल हो गए और उन्होंने गेट के सामने धरने पर बैठकर सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के साथ लगभग सारे विधायक वहां पहुंचे और सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. उनकी मांग थी कि वे अब मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिले बिना वापस नहीं जाएंगे.

भाजपा विधायकों और पदाधिकारियों के तल्ख तेवरों के चलते कुछ देर के लिए मुख्यमंत्री आवास वाली रोड पर जाम लग गया. जानकारी मिलते ही जिलाधिकारी रविनाथ रमन, एसएसपी पुष्पक ज्योति, एसपी सिटी समेत कई थानों की फोर्स व क्षेत्राधिकारी वहां पहुंच गए. अधिकारियों ने भाजपा नेताओं को मनाने के लिए काफी अनुरोध किया, लेकिन वे नहीं माने.

काफी देर प्रयास के बाद जब मामला नहीं सुलझा तो पुलिस ने भाजपा विधायकों व पदाधिकारियों को वहां से जबरन हटाने का प्रयास किया तो मामला और भी गरमा गया.

प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ भी अफसरों की तीखी झड़प हुई. बाद में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया था. कम से कम तीन मौके ऐसे रहे जब पुलिस की भाजपाइयों से न सिर्फ तीखी झड़प हुई, बल्कि कूच के दौरान धक्कामुक्की भी हुई.

पुलिस ने उन्हें जबरन हटाने का प्रयास किया तो तीरथ ने ऐलान कर दिया कि भाजपा के विधायकों व पदाधिकारियों को यदि वहां से जबरन हटाने का प्रयास किया तो वे मुख्यमंत्री आवास का गेट तोड़ देंगे.

मुख्यमंत्री आवास पर थे नहीं, इस पर भाजपा विधायकों ने ऐलान किया कि वे मुख्यमंत्री से मिलकर ही जाएंगे. प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह ने कहा कि भाजपा के विधायकों को फर्जी मामले में फंसा कर कांग्रेस सरकार दमनकारी नीति चला रही है.

उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले में चुप बैठने वाली नहीं है वह इसका पुरजोर जवाब देगी. इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट ने मुख्यमंत्री हरीश रावत पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. शराब और खनन में हो रही लूट के चलते राज्य की स्थिति दयनीय हो गई है। उस पर भाजपा के विधायकों व कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाकर राज्य सरकार दमनकारी नीति चला रही है.



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