नरभक्षी गुलदार को मकान में किया कैद, ग्रामीण मारने पर अड़े
घर में कैद कर दिये गये आदमखोर गुलदार को ग्रामीणों ने वन विभाग के हवाले करने से मना कर दिया और वनकर्मियों से गुलदार को मारने की मांग की है
नरभक्षी गुलदार को ग्रामीण मारने पर अड़े (फाइल फोटो) |
वन विभाग और ग्रामीणों के बीच गतिरोध बना हुआ है. हालांकि वन विभाग ने चकराता से गुलदार को कैद करने के लिए स्पेशल ट्रेक्युलाइजेशन फोर्स को बुलाया है, जो देर रात तक मौके पर पहुंचेगी. गत रात्रि दो बजे गुलदार जिनेथ गांव में संजय अवस्थी के मकान के पास कुत्ते का पीछा करते हुए पहुंचा तो कुत्ता घर के एक खाली कमरे में घुस गया.
कमरे के अंदर गुलदार और कुत्ते की छीना-झपटी में मचे कोहराम को सुनते ही गृहणी कुंती देवी उठकर बाहर आयी और साहस करके कुत्ते को बचाने के लिए गुलदार पर वार करने लगी.
इस बीच गुलदार ने कुंती देवी की गर्दन पर वार कर दिया, लेकिन वह बच निकली. इस बीच कुंती के बेटे संजय अवस्थी ने कमरे का दरवाजा बंद कर गुलदार को कैद कर लिया. सूचना पाकर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंच गये.
ग्रामीणों ने उप प्रभागीय वन अधिकारी को बताया कि यह गुलदार नरभक्षी है. कुछ दिन पूर्व इसी गुलदार ने गांव के पास में ही राजमति देवी को अपना शिकार बनाया था और तब से आज एक दर्जन पालतू कुत्तों और चार बकरियों को अपना शिकार बना चुका है.
गुलदार के कैद में होने की सूचना पाते ही आसपास के ग्रामीण भी बड़ी संख्या सुबह होते वहां एकत्र होने लगे और वन विभाग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. दिन तकरीबन 11 बजे विभाग के एसडीओ आरवी सिंह, और रेंज अधिकारी प्रेमलाल जब पिंजरा लगाकर गुलदार को बाहर निकालने की बात कहने लगे तो महिलाओं ने उनके समक्ष जोरदार हंगामा किया और कमरे में ताला लगाकर बाघ को जिंदा न ले जाने पर अड़ गयीं.
समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों और विभागीय अधिकारियों के बीच गतिरोध की स्थिति बनी हुई थी. मौके पर तहसीलदार डुंडा व एसओ धरासू अपनी फोर्स के साथ तैनात हैं.
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