उत्तराखंड : बजटीय आवंटन में 1734 करोड रूपये का इजाफा
वरिष्ठ भाजपा सांसद भगत सिंह कोश्यारी ने सत्ताधारी कांग्रेस पर केंद्र द्वारा राज्य के बजट आवंटन में कटौती किये जाने संबंधी भ्रम फैलाने का आरोप लगाया.
बजट आवंटन में भ्रम फैलाने का आरोप (फाइल फोटो) |
देहरादून में कोश्यारी ने कहा कि वास्तव में चालू वित वर्ष में पर्वतीय प्रदेश को आवंटित धनराशि में 1734 करोड़ रूपये की बढोत्तरी हुई है.
केंद्रीय वित मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के हवाले से कोश्यारी ने कहा कि पिछले वित वर्ष 2014-15 में उत्तराखंड के लिये 3792 करोड रूपये आवंटित किये गये थे जबकि चालू वित्त वर्ष में राज्य को आवंटित की जाने वाली धनराशि 5526 करोड रूपये है.
संवाददाताओं से बातचीत में उन्होेंने कहा कि उत्तराखंड के बजटीय आवंटन में कटौती की बात पूरी तरह से बेबुनियाद और लोगों को गुमराह करने वाली है.
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी ने यह भी कहा कि 14 वें वित आयोग की सिफारिशों के तहत उत्तराखंड को 2015- 2020 के बीच आवंटित किये जाने वाली धनराशि में भी अच्छी खासी बढ़ोत्तरी की गयी है.
उन्होेंने कहा कि 13 वें वित आयोग की सिफारिशों के तहत उत्तराखंड को वर्ष 2010- 2015 के बीच कुल 15965 करोड रूपये की धनराशि मिली जबकि 14 वें वित आयोग के अन्तर्गत 2015-2020 के बीच राज्य को आवंटित होने वाली धनराशि 40,767 रूपये है.
बहरहाल, कोश्यारी ने स्वीकार किया कि राज्य को आवंटित विशेष अनुदान में कुछ कमी हुई है लेकिन उन्होंने इसके लिये नीति आयोग के सामने प्रभावी रूप से अपना पक्ष रखने में राज्य सरकार की विफलता को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा कि राज्य को मिलने वाले विशेष अनुदान में कटौती के लिये केंद्र को दोष नहीं दिया जाना चाहिये. इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है जो नीति आयोग के सामने प्रभावी रूप से अपना पक्ष रखने में विफल रही.
सरकार को प्रदेश की विषम परिस्थितियों का हवाला देते हुए उत्तर पूर्वी राज्यों की तर्ज पर विशेष अनुदान दिये जाने पर जोर देना चाहिये था लेकिन वह ऐसा नहीं कर पायी .
कोश्यारी ने कहा कि प्रदेश को मिलने वाली केंद्रीय धनराशि में कटौती का रोना राज्य सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाने के लिये किया जा रहा है.
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