बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद, चारधाम यात्रा समाप्त

Last Updated 27 Nov 2014 06:17:12 PM IST

गढ़वाल हिमालय में स्थित प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए और इसी के साथ इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया.


बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद (फाइल फोटो)

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बी. डी. सिंह ने बताया कि चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ मंदिर के कपाट गुरुवार दोपहर तीन बजकर 35 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए.
   
उन्होंने बताया कि कपाट बंद होने के मौके पर विशेष पूजा अर्चना मंदिर के मुख्य पुजारी रावल केशवन नम्बूरी ने की.

इस मौके पर कड़ाके की ठंड के बावजूद मंदिर के धर्माधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद थे.
   
कपाट बंद होने के अवसर पर पूरे बदरीनाथ मंदिर को गेंदे के पीले फूलों से सजाया गया था.
   
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल के दौरान उनकी पूजा जोशीमठ में होगी.
   
मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही गढ़वाल हिमालय की इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो गया. चारधाम के नाम से मशहूर तीन अन्य मंदिरों केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल के लिये पहले ही बंद हो चुके हैं.
   
उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री मंदिर के कपाट जहां 24 अक्टूबर को अन्नकूट पर्व के दिन बंद किए गए थे वहीं यमुनोत्री मंदिर और रूद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अक्टूबर को भैयादूज के दिन बंद हुए.
   
शीतकाल के दौरान क्षेत्र में भारी बर्फवारी होती है और इसी कारण चारों धामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिए जाते हैं जो अगले वर्ष अप्रैल-मई में दोबारा खुलते हैं.
   
कपाट खुले होने के दौरान चारधाम यात्रा में देश विदेश के श्रद्धालु मंदिरों के दर्शन के लिये आते हैं. इसे गढ़वाल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है.
   
हांलांकि, पिछले साल आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई.



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