अल्मोड़ा स्थित प्राचीन जागेश्वर मंदिर की सड़ गल गयी लकड़ियों को बदला जायेगा
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित प्राचीन जागेश्वर मंदिर की सड़ गल चुकी लकडियों को अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) बदलेगा.
प्राचीन जागेश्वर मंदिर |
करीब 1500 साल पुराने मंदिर के लिये वैज्ञानिक साल की लकड़ियों का इस्तेमाल करेंगे, क्योंकि उनका मानना है कि साल की उम्र काफी लंबी होती है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों ने बताया कि अधिक बारिश होने के कारण मंदिर की छतों और दरवाजों पर लगी लकड़ियां सड़ गल गयी है जिन्हें अब बदल दिया जायेगा.
उन्होंने बताया कि इसके लिये एएसआई ने 66 लाख रूपये की एक परियोजना तैयार की है जिसे जल्दी ही शुरू किया जायेगा.
परियोजना से जुड़े वैज्ञानिकों ने बताया कि प्राचीन जागेश्वर मंदिर परिसर में करीब 250 छोटे बड़े मंदिर हैं और उनकी मरम्मत के लिये साल की लकड़ी के साथ ही तांबे का प्रयोग भी किया जायेगा.
जागेश्वर मंदिर का निर्माण करीब 1500 साल पहले कुमांऊ में शासन करने वाले कत्यूरी राजाओं ने बनवाया था.
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