उत्तराखंड में शिक्षकों के अटैचमेंट पर रोक
उत्तराखंड शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था के लिए अन्य विद्यालयों से अटैच किए शिक्षकों के मामले ने तूल पकड़ लिया है.
मुख्यमंत्री हरीश रावत (फाइल फोटो) |
शिक्षक संघ के विरोध के चलते मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस व्यवस्था पर बुधवार को रोक लगाने के निर्देश दे दिये हैं. इसके साथ ही कई उच्चीकृत विद्यालयों में छात्र शिक्षकविहीन हो गए हैं.
विगत एक वर्ष में सरकार ने प्रदेश के करीब 250 विद्यालयों को उच्चीकृत किया. इनमें जूनियर हाईस्कूल से हाईस्कूल व हाई स्कूल से इंटरमीडिएट किया गया.
इसके साथ ही इनमें विषयवार कक्षाएं खोली गई. उच्चीकृत हुए इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्रवेश भी दिया गया, लेकिन शिक्षकों की कोई व्यवस्था नही की जा सकी. इसके चलते छात्र-छात्राओं के समक्ष बोर्ड जैसी परीक्षाओं का सामना करना चुनौती बना हुआ है. इन विद्यालयों में शिक्षकों को भेजने के लिए विभाग के पास कोई पालिसी नहीं है.
इन विद्यालयों में स्थानांतरण या फिर नई भर्ती के माध्यम से ही शिक्षकों को भेजा जा सकता था. इसके लिए विभाग की ओर से स्थानांतरण नीति बनायी जा रही है.
इससे पहले स्थानांतरण नीति तय होती अभिभावकों व छात्रों की मांग को देखते हुए मंत्रालय की ओर से उच्चीकृत किए गए स्कूलों में अन्य स्कूलों से करीब 165 शिक्षकों को अटैच कर दिया. इन शिक्षकों के अटैचमेंट आदेश आते ही राजकीय शिक्षक संघ की ओर से इसका विरोध किया जाने लगा.
शिक्षक संघ के विरोध को देखते हुए बुधवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अटैचमेंट व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए जनपद के अंदर ही अटैचमेंट किए जाने के निर्देश दिए.
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